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कई परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर करवाई भोजन की व्यवस्था
गदरपुर । उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्र के जिले ऊधमसिंह नगर में बीते चार दिन से लगातार चल रहीं मानसूनी बारिश के चलते जहां – तहां नदी नालों में पानी ही पानी सड़कों नालियों में लबालब बह रहा है। वहीं निरंतर हो रही बारिश के कारणा प्रतिदिन कार्यकर अपने परिवार की आजीविका चलाने वाले परिवारों के सामने परिवार पालना मुश्किल हो गया है, वहीं बिजली की सप्लाई में तकनीकी खराबी के चलते विद्युत की आपूर्ती के आठ घण्टे ठप्प रहने से उपभोकता जन को परेशानी उठानी पड़ रही है। इधर देर रात्रि गदरपुर के वार्ड नंबर 11 के कई घरों में कई कई फुट तक जल भराव से लोगों में हड़कंप मच गया और लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए मजबूर हो गए वही उप जिलाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी गौरव पांडे एवं तहसीलदार लीना चंद्रा प्रशासनिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे । जल भराव की स्थिति देखते हुए उन्होंने तत्काल जेसीबी मशीन से जल भराव के कारण ढूंढ कर जल निकासी का मार्ग दुरुस्त करने के निर्देश दिए परंतु भारी बारिश और जल भराव के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका जबकि कुछ दिन पूर्व वार्ड नंबर 11 और एक में बहने वाली ठंडी नदी को जेसीबी एवं पर्यावरण मित्रों के सहयोग से मलबा निकाल कर साफ किया गया था परंतु जल भराव की स्थिति ऐसी रही कि अतिक्रमण के चलते नदी के बीच में बने मकानों की वजह से जल निकासी संभव नहीं हो रही । वहीं लोगों ने प्रशासन के विरुद्ध जमकर हंगामा काटा,चर्चा यह भी रही की ठंडी नदी एवं उसकी सहायक नहर के डाम पर पहुंचकर कुछ लोगों ने पानी की निकासी बंद कर दी थी परंतु गूलरभोज डाम से छोड़े गए पानी का दबाव बढ़ने पर छोटा डैम के गेट खोलकर जल निकासी करवाई गई जिससे वार्ड नंबर 11 और वार्ड नंबर 1 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी जल भराव की स्थिति हो गई वहीं ठंडी नदी जो कि वार्ड नंबर 11 से होकर मुख्य मार्ग पुल के नीचे से होते हुए वार्ड नंबर 1 से निकलकर पिपली जंगल की तरफ जाती है अतिक्रमण की वजह से पानी के निकासी की गति धीमी पड़ गई वहीं आपदा प्रबंधन प्रभारी गौरव पांडे के निर्देश पर जल भराव से डूबे घरों में रहने वाले कुछ लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया वहीं कई पीड़ित परिवारों के भोजन की व्यवस्था थी प्रशासन द्वारा की गई लोगों द्वारा प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई कुछ लोग इस मौके पर जल भराव की स्थिति का करण ठंडी नदी में अतिक्रमण होना बता रहे हैं कुछ वर्ष पूर्व से कई बार ठंडी नदी को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के उद्देश्य से हाई कोर्ट का आदेश भी जारी किया गया था। जिस पर तहसील प्रशासन द्वारा ठंडी नदी के दोनों और नपत की गई थी,जिसको राजनीतिक रंग देकर रुकवा दिया गया विदित हो कि ठंडी नदी के किनारो पर 40 वर्ष पूर्व कोई भी किसी प्रकार का अतिक्रमण मकान आदि नहीं बना था मात्र छोटी सी जगह पर शमशान घाट का निर्माण किया गया था आज स्थिति यह हो गई लोगों के घरों में तो जल भराव हो गया मुक्तिधाम परिसर में भी कई फुट तक पानी भर गया । लोगों ने प्रशासन से हुए नुकसान पर मदद की गुहार लगाई है प्रशासन द्वारा चिन्हित परिवारों को सहायता उपलब्ध कराई जाने का आश्वासन दिया है । वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग पर ठंडी नदी के पुल पर लोगों का भारी जमावड़ा बना रहा जिस पर पुलिस प्रशासन की टीम द्वारा तत्परता से यातायात को दुरुस्त कराया जाता रहा वहीं पालिका कर्मचारी भी प्रशासन के आदेश पर जेसीबी मशीन एवं अन्य औजार लेकर तैयार रहे। अब देखते हैं अतिक्रमण कब हटकर लोगों को राहत की सांस देता है, ऐसी आपदाएं तो आती ही रहेगी । लोगों को भी जागरूक होना होगा। ठंडी नदी के पानी से ग्राम करतारपुर एवं केशोगढ़ के खेतों में कई फुट तक पानी भर गया। नहाल नदी में भी बाढ़ के पानी से मजरासीला सहित ग्राम राजपुरा के खेतों में पानी भर गया।

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