1– यदि साक्ष्य हो तो एफ आई आर समाप्त करवाने हेतु सीधे हाई कोर्ट जा सकते है।
2–जो धाराये लगी हो यदि उनकी अधिकतम सजा 7 साल तक हो तो पुलिस गिरफ्तार नही कर सकती
( arnesh kr vs state of bihar)
3–सारे साक्ष्य विवेचक के साथ ही साथ संबंधित थाना इंचार्ज सहित ssp को रजिस्टर्ड पोस्ट से अवश्य भेजे और रजिस्ट्री सहित सभी साक्ष्यों की फोटोकॉपी सुरक्षित रखे जिससे यदि विवेचक आपके खिलाफ आरोपत्र लगा भी दे तो उन साक्ष्यों के आधार पर अग्रेत्तर विवेचना सहित विवेचक के खिलाफ कार्यवाही करवा सके या डिस्चार्ज एप्लीकेशन डालकर दोषमुक्त हो सके।
4–संविधान का अनुच्छेद 20 और 21 निष्पक्ष जांच प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार प्रदान करता है इसलिए निष्पक्ष जांच प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है (उच्चतम न्यायालय द्वारा) इसलिए विवेचक को साक्ष्य दिए है इसका भी साक्ष्य अपने पास अवश्य रखे ।
5–यदि ससक्ष्य हो तो विवेचक द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने के उपरांत न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद सीधे हाई कोर्ट जा कर चार्जशीट/आरोपपत्र सहित संज्ञान को समाप्त करवा सकते हैं।
6–एफ०आई०आर के वाद अग्रिम जमानत भी ले सकते है( कुछ धाराओं को छोड़कर)।
विवेचक पर बिल्कुल भी विश्वास न करे अपने साक्ष्य अवश्य दे और देने का प्रमाण भी रखे क्योंकि आपके साक्ष्य ही आपको निर्दोष साबित करेंगे और आपकी समझदारी ही आपको निर्दोष साबित करवायेगी अन्यथा विवेचक आश्वासन देने के बावजूद आरोपपत्र लगाते ही है।
मनोज तनेजा (एडवोकेट)जिला एवं सत्र न्यायालय रुद्रपुर उधम सिंह नगर सम्पर्क सूत्र -9690769535



