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श्रीनगर गढ़वाल। राष्ट्रीय आविष्कार समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत विकास खण्ड खिर्सू के राजकीय जूनियर विद्यालयों के 35 छात्र-छात्राओं का तीन दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण दल श्रीनगर से देवप्रयाग,ऋषिकेश से देहरादून विज्ञान केन्द्र,एफआरआई और मालसी डियर पार्क गया। शैक्षिक भ्रमण टीम का शुभारम्भ खण्ड शिक्षा अधिकारी अश्वनी रावत द्वारा सभी बच्चों को शुभकामनाओं द्वारा शुभयात्रा से प्रारम्भ किया गया। भ्रमण टीम में प्रमुख रूप से नोडल अधिकारी मुकेश काला,जयदयाल चौहान,संजय नौडियाल,मंजू बिष्ट और उर्मिला डोभाल आदि प्रमुख रूप से थे। श्रीनगर से 34 किमी देवप्रयाग पहुंच कर बच्चो को अलकनंदा व भागीरथी के संगम स्थल के बारे में संक्षिप्त रूप से राजा भगीरथ द्वारा गंगा को स्वर्ग पर लाने की कहानी बताई गई। बच्चों को ऋषिकेश के पास गंगा नदी में राप्टरों द्वारा राफ्टिंग की जा रही थी बच्चों द्वारा दूर से ही राप्टरों द्वारा की जा रही राफ्टिंग का आनन्द लिया। बच्चों को रुकने की व्यवस्था भानियावाला के बसुन्धरा होम स्टे में की गई। बच्चों द्वारा रात को मनोरजन कार्यक्रम किया गया। भ्रमण कार्यक्रम के प्रथम चरण में डोईवाला से दूधली,कारगी चौक,आईएसबीटी,चकराता रोड होते हुए विज्ञान धाम पहुंच गये जिसमें बच्चों द्वारा विज्ञान केंद्र में देखने के लिए कई आकर्षक और ज्ञानवर्धक स्थल हैं यहां कुछ मुख्य आकर्षण हैं। प्रदर्शनी हॉल विज्ञान केंद्र के प्रदर्शनी हॉल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित विभिन्न प्रदर्शनियां लगती हैं,जिनमें अंतरिक्ष विज्ञान,भौतिकी और रसायन विज्ञान पर विशेष प्रदर्शनियां शामिल हैं। गैलरी विज्ञान केंद्र की गैलरी में विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित चित्रों और मॉडलों की प्रदर्शनी दर्शकों को विज्ञान की दुनिया से परिचित कराती है। तारामंडल विज्ञान केंद्र में एक तारामंडल भी है,जहां बच्चों द्वारा अंतरिक्ष और तारों की दुनिया को करीब से देखा गया। तारामण्डल और तारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रभारी तारामण्डल द्वारा दी गई और उनके द्वारा बच्चों को रात्रि के समय दी गई जानकारियां को खोजने की कोशिश करने हेतु कहा गया। जिसमें ध्रुव तारे की दिशा,तारों के समूह,सप्तऋषि,ग्रहों की जानकारी,सबसे बडे तारों की जानकारी आदि शामिल है। विज्ञान प्रयोगशाला विज्ञान केंद्र में विज्ञान प्रयोगशाला भी है,जहां छात्र और शोधकर्ता विज्ञान के विभिन्न प्रयोग कर सकते हैं। अन्य आकर्षण विज्ञान केंद्र में अन्य आकर्षणों को बच्चों द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनी,विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित मॉडल,विज्ञान की दुनिया से संबंधित थ्री डी फिल्में और वीडियो आदि आकर्षणों के अलावा,विज्ञान केंद्र देहरादून में विज्ञान से संबंधित कार्यक्रम और गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं,जो दर्शकों को विज्ञान की दुनिया से परिचित कराती हैं। इसके पश्चात एफआरआई (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट) एफआरआई देहरादून का एक प्रमुख शोध संस्थान है,जो वनस्पति विज्ञान,वन्यजीव विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान में अनुसंधान करता है। यह संस्थान भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है। एफआरआई देहरादून में स्थित है,जो उत्तराखंड राज्य की राजधानी है। यह संस्थान 1906 में स्थापित किया गया था और तब से यह वन और पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर अनुसंधान करता आ रहा है। यहां के म्यूजियम में देवदार के वृक्ष का अनुप्रस्थ काट के बारे में लिखा है कि यह देवदार का वृक्ष सन 1215 से सन 1919 तक जीवित रहा यह वृक बालचा टिहरी गढ़वाल में पाया गया एफआरआई की मुख्य गतिविधियों में शामिल हैं। एफआरआई देहरादून में एक सुंदर और शांत वातावरण है,जो अनुसंधान और अध्ययन के लिए उपयुक्त है। यह संस्थान देश और विदेश के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करता है। मालसी डियर पार्क देहरादून उत्तराखंड में स्थित एक प्रसिद्ध चिड़ियाघर और पिकनिक स्थल है। यह पार्क मालसी में स्थित है,जो देहरादून शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। मालसी डियर पार्क की के प्रमुख आकर्षणों में,हिरण और अन्य वन्यजीव-पार्क में हिरण,मोर,तेंदुआ,सर्प तोते और अन्य वन्यजीवों को देखा जा सकता है। प्राकृतिक सौंदर्य-पार्क में हरे-भरे पेड़-पौधे,घना जंगल,फूल और झीलें हैं। बच्चों के लिए मनोरंजन-पार्क में बच्चों के लिए फन पार्क में खेल के साधन और मनोरंजन की सुविधाएं हैं। फोटोग्राफी-पार्क की प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों की फोटो खींचने के लिए आकर्षित करती है। मालसी डियर पार्क एक आदर्श स्थल है जहां आप प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों को देख सकते हैं। डियर पार्क घूमने के पश्चात सभी बच्चे दिनभर की थकान के पश्चात तीसरे दिन सकुशल अपने घर पहुंच गये। राष्ट्रीय आविष्कार कार्यक्रम के अन्तर्गत बच्चों को भ्रमण से नई जानकारी प्राप्त होती है। बच्चों के लिए जीवन में विज्ञान का महत्व जानने के लिए विज्ञान केन्द्र,वनों का महत्व एवं वन सम्पदा की जानकारी हेतु एफआरआई और जीव जन्तुओं के संरक्षण एवं सवर्द्धन हेतु मालसी डियर पार्क का भ्रमण करवाना ही मुख्य उद्देश्य था।

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