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जिस प्रकार सारी अंगुलियां यदि आपस मिल जाए तो एक मुठ्ठी का रूप ले लेती है जो एकता और ताकत की प्रतीक बन जाती है बिखरे तिनके यदि आपस में मिल जाये तो झाड़ू बन जाती है और घर की सारी गंदगी को बाहर निकाल फेंकती है जिस प्रकार खट्टा या मीठा आचार बना हो तो इसे खाने में कितनी मधुरता का अहसास होता है क्योंकि आम खट्टा अहसास देता है , गुड,शक्कर मीठा मैथी कड़वा, मिर्च तीखा,राई कसैला नमक लवणयुक्त आपस में सबका कितना समांजस्य बनाया जाता है तब कितना स्वाद बढ़ता है इसका एक रहस्य है सभी वस्तुएं एक बरनी में बंद रहती है इंग्रीडिएंट एक दूसरे का गुण ग्रहण करते हैं और सभी वस्तुओं का अलग अलग स्वाद भी आता है इसी प्रकार सभी मनुष्य यदि एक समष्टि मे एकता बनाए रखें एक दूसरे का साथ निभाने का प्रण करें तभी जीवन में स्वतंत्रता भी है, सौंदर्य भी है ,स्वाद भी है शक्ति भी है क्योंकि सभी एक बरनी में आ जाते हैं जब मन मिल जाते हैं तो तो व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा गौण होकर देश, घर -परिवार की सुख-शांति समृद्धि का ध्यान ही रह जाता है चींटी, मधुमक्खियां, विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों से हमें एक होकर रहने की सीख देते हैं कि वह किस तरह सहयोग, समझदारी, साथ मिलकर चलतें है अपनी मुश्किलो का डटकर सामना करते हैं जाति, धर्म,भाषा, क्षेत्र के आधार पर आपसी भेदभाव ऊपर उठना चाहिए व देश के विकास करना चाहिए एकता को प्राथमिकता देकर मिलकर देश व विश्व की किसी भी चुनौती का हम सामना कर सकते हैं क्योंकि कहा भी गया है एकता में ही बल है ।योग, प्रार्थना,खेल की टीम भावना में व विश्व में मजबूत लोकतंत्र की सफलता के लिए देश के नागरिको में मजबूत संगठन व एकता की शक्ति कि महती आवश्यकता है जो कि हमारी प्रगतिव विकास में सहायक है।

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