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गदरपुर । पेख पेख जीवां दर्श तुम्हारा ।चरण कमल जाई बलिहारा ।
सुण सुण नाम तुम्हारा प्रीतम प्रभु पेखन का चाउ ।
दया करो किरम अपने कउ इहै मनोरथ सुआउ ।
बाबा जगजीत सिंह जत्थेदार अमृत प्रचार संगत पटियाला द्वारा गुरुद्वारा सिंह सभा गदरपुर में आयोजित एक धार्मिक समागम में रागों पर आधारित गुरबाणी कीर्तन करके सभी संगत को गुरु वाले बनने का आह्वान किया । वहीं ज्ञानी गुज्जर सिंह असंध हरियाणा वालों ने बैकुंठ अर्थात स्वर्ग का वर्णन करते हुए बताया कि
तहां वैकुंठ जह कीर्तन तेरा,
जहां सत्संग कार्यक्रम होते हैं वहां पर ही वैकुंठ का वास होता है। ज्ञानी नरेंद्र सिंह करनाल वालों ने कहा,सेवा भाव सीखने के लिए गुरु अमरदास जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए जो कि साठ वर्ष की उम्र में गुरु अंगद देव जी के नहाने के लिए प्रातः 2 बजे उठकर 15 किलोमीटर का सफर करके व्यास नदी से पानी भरकर खडूर साहिब लाते थे यह सेवा उन्होंने साठ वर्ष की उम्र से शुरु कर के लगातार 12 वर्ष की । गुरु अंगद देव जी ने उन्हे गुरु गद्दी प्रदान कर के उच्च स्थान पर बैठाया । वहीं गूलर भोज के गुरुद्वारा साहिब में भी गुरबाणी कीर्तन करते हुए अमृत प्रचार संगत के बाबा जगजीत सिंह द्वारा कीर्तन करते हुए सभी संगत को अमृत छककर गुरुवाणी पाठ करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर करमपाल सिंह एवं नवनीत कौर को पुत्र रत्न की प्राप्ति पर हरभजन सिंह कालड़ा, चरणजीत कौर, गुरजसपाल सिंह ,वीरपाल कौर को तमाम लोगों ने शुभकामनाएं प्रदान कीं। इस दौरान संगत ने लंगर प्रसाद ग्रहण करते हुए गुरु ग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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