लोहाघाट/चंपावत राजधानी की सड़को पर अजब हाल हैं यहां की सड़को पर वाहनों के रेले के साथ आवारा पशुओं के भी दर्शन हो जाते हैं जिसके चलते दुर्घटना की स्थिति बन जाती हैं और वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं शहर के मुख्य मार्गो के साथ –साथ संपर्क मार्गो पर भी पशुओं की बेतकल्लुपी देखने को मिलती हैं जिन पर नियंत्रण करने वाला कोई नही हैं तेज रफ्तार से चलते वाहन चालक इन आवारा पशुओं के कारण कई बार अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और घायल हो जाते हैं वहीं, पशु भी सड़कों पर एक दूसरे से धींगामुश्ती करते नजर आते हैं, आपस मे लड़ते इन पशुओं के कारण लोग किसी तरह जान बचाकर उस छेत्र से निकलने में ही अपनी भलाई समझते है। दून में आवारा पशु की तादाद में निरंतर इजाफ हो रहा हैं इससे वाहन चालकों के साथ ही राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं आवारा पशु के नगर में झुंडो के चलते कई बार जाम की स्थिति पैदा हो जाती हैं। यही नहीं यह पशु नगर पालिका के कूड़ेदानों के कूड़े निकाल हाइवे पर जहा–तहां बिखेर देते हैं। परंतु इसे रोकने वाला कोई नही हैं नगर निगम पर इन आवारा पशुओं को रोकने की जिम्मेदारी हैं लेकिन वह भी आंख बूंदे बैठा है ऐसे मे शहर की सड़को पर हालत विकट होते जा रहे हैं व्यस्ततम सड़को पर आवारा जानवरों की होने वाली वाहन चालको की मुसीबत का सबब बन गई हैं शहर मे रहने वाले हो या ग्रामीण क्षेत्र के लोग, यह धन देने वाली गाय और काम ना कर सकने लायक बैल को छोड़ देते हैं। इससे इनकी संख्या में बड़ोतरी होते जा रही हैं आवारा पशुओं के झुंड शहर में कई स्थानों पर देखे जा सकते हैं झुंडो के रूप में आवारा पशु बीच सड़क पर आने से वाहन चालको को आवाजाही करने में खासी दिक्खतो का सामना करना पड़ रहा हैं यात्रा सीजन में वाहनों का दबाव बढ़ने से यह समस्या और भी जटिल हो जाती हैं यह आवारा पशुओं खाने के लिए व्यापारियों की दुकानों पर मुंह मार रही हैं साथ ही यह पशु शहर में लगे कूड़ेदान से कूड़े को इधर–उधर फैलने मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है जिससे सड़को पर कूड़ा फैलने से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। वाहनों दबाव बढ़ने से यह पशु वाहनों के नीचे आ जाते हैं।




