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  • महापौर ने वित्त आयोग से की विशेष बजट की मांग, कई सुझाव और प्रस्ताव रखे

रूद्रपुर। राजधानी देहरादून में 16 वें वित्त आयोग की टीम के साथ हुई अहम बैठक के दौरान रूद्रपुर नगर निगम क्षेत्र की कई प्रमुख समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया। महापौर विकास शर्मा ने रूद्रपुर के समग्र विकास की पैरवी करते हुए रूद्रपुर महानगर के लिए विशेष बजट का आग्रह किया। इसके साथ ही उन्होंने शहर से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष भी रूद्रपुर महानगर की कई बड़ी समस्याओं को उठाया।

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में शामिल होकर लौटे महापौर विकास शर्मा ने मीडिया को बताया कि वित्त आयोग के समक्ष शहर की कई प्रमुख समस्याओं को प्रमुखता उठाते हुए विशेष बजट देने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि रूद्रपुर महानगर की स्थिति अन्य निकायों से भिन्न है। यहां पर सिडकुल में 450 से अधिक उद्योग स्थापित हैं। जिसके कारण रूद्रपुर में प्रतिदिन करीब 50 से 1 लाख की आबादी का आवागमन रहता है। प्रतिनिदिन निकलने वाले ढाई लाख टन कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम के पास संसाधनों का अभाव है। इसके अलावा रूद्रपुर महानगर कुमांऊ का प्रवेश द्वार भी है, और पंतनगर में एयरपोर्ट भी है। यहां से होकर देश विदेश के हजारों पर्यटक कुमांऊ के पर्यटक स्थलों की ओर रवाना होते हैं। यहां पर स्वच्छता की स्थिति ठीक नहीं होगी तो इसका गलत मैसेज देश विदेश तक जायेगा।

उन्होंने कहा कि रूद्रपुर महानगर उत्तर प्रदेश की सीमा पर है यहां पर दूसरे प्रदेश के हजारों लोगों का आवागमन स्वास्थ्य सुविधाओं सहित अन्य कार्यों के लिए रोजाना होता है, शहर में आबादी का दबाव पहले ही अधिक है, और दूसरे राज्य के भीलोगों का बड़ी संख्या में आवागमन होने से सडक और अन्य बुनियादी सुविधाएं पर्याप्त नहीं है।इसके अलावा नगर निगम से जिन 11 ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ा गया है वहां पर अभी तक सड़क और नाली जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है जिस कारण अभी भी ये क्षेत्र विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाये हैं।

रूद्रपुर महानगर में जाम की समस्या आम है और जलनिकासी की स्थिति बेहद खराब है। बरसात में हर साल घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जलभराव होने से भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यहां पर स्थित कल्याणी नदी सहित कई पुरानी नहरों का पुनरोद्धार किया जाना है, जिसके लिए बड़े बजट की आवश्यकता है।

महापौर विकास शर्मा ने कहा कि निकायों को 2011 की जनसंख्या के हिसाब से बजट का आवंटन किया जा रहा है, जबकि रूद्रपुर जैसे महानगर में 2011 के बाद आबादी कई गुना बढ़ चुकी है। महापौर ने बताया वित्त आयोग की टीम के समक्ष रूद्रपुर की कई बड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए यहां की विषम परिस्थितियों को देखते हुए विशेष बजट जारी करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्त आयोग की टीम ने रूद्रपुर महानगर से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से लिया है। महापौर ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आशीर्वाद से रूद्रपुर महानगर को विकास के लिए आने वाले दिनों में बड़ा बजट मिलेगा और रूद्रपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि जनता से जो वायदे उन्होंने चुनाव से पहले किये थे उन वायदों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं ये प्रयास आगे भी निरंतर जारी रहेंगे।

शहर से संवाद कार्यक्रम में भी उठाई महानगर की समस्याएं

रूद्रपुर। महापौर विकास शर्मा ने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में आयोजित ‘शहर से संवाद’ कार्यक्रम में भी रूद्रपुर महानगर की समस्याओं को प्रमुखता से रखा और इनके निस्तारण की मांग की। इस कार्यक्रम में महापौर विकास शर्मा ने मंच पर अपनी बात रखते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि हमें ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं, जो प्रदेश की एक-एक भौगोलिक स्थिति के बारे में जानते हैं और जनता से उनका जुड़ाव रहा है। इसी लिए आज प्रदेश में जनभावनाओं के अनुरूप नीतियां बनाई जा रही है और बड़े फैसले लिये जा रहे हैं। महापौर ने निकायों के साथ संवाद कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का अवसर मिला है, यहां पर उठाई जा रही प्रमुख समस्याओं को बकायदा मुख्यमंत्री धामी नोट भी कर रहे हैं, इससे आने वाले दिनों सभी निकायों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण का मार्ग प्रशस्त होगा। हमें पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्राी श्री धामी के नेतृत्व में तीसरा इंजन भी सरपट दौड़ेगा ।महापौर विकास शर्मा ने बैठक में रूद्रपुर की प्रमुख समस्याओं को उठाने के साथ ही 74वें संविधान संशोधन के अंतर्गत निकायों को दिये गये 18 अधिकारो में से सभी अधिकार निकायों को देने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी कुछ अधिकार ही निकायों को मिल गये हैं जबकि कुछ अधिकार अभी मिलना शेष है। ये अधिकार निकायों को मिलने से सभी निकाय जनसामान्य को और अधिक बेहतर सेवाएं दे पायेंगे।

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