गदरपुर । मुगल काल में उनकी अधीनगी ना कबूल करने और श्री दरबार साहिब अमृतसर की मर्यादा कायम रखने के उद्देश्य से शरीर के टुकड़े-टुकड़े काटकर शहीद किए गए । ग्रंथी भाई मनी सिंह जी के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारा साहिब में गोष्ठी एवं प्रतियोगिता का आयोजन करके प्रतिभागियों को पुरुस्कृत किया गया । गुरुद्वारा यादगार भाई मनी सिंह जी ग्राम सरकड़ी, केलाखेड़ा तहसील बाजपुर उधम सिंह नगर में आयोजित कार्यक्रम ग्रंथी भाई हरदीप सिंह एवं मीत ग्रंथि भाई जागीर सिंह के प्रयासों से आयोजित किया गया । लगभग 80 बच्चों ने प्रतिभाग करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम में एसजीपीसी उत्तराखंड काशीपुर के प्रचारक भाई हरजिंदर सिंह ने कहा कि भाई मनी सिंह ,उनके दादा भाई बल्लू दास जी, पिता माई दास के अलावा उनके 11 भाई तथा सात बेटों के अलावा अन्य रिश्तेदार कुल लगभग 70 लोग धर्म की खातिर जंग करते हुए शहीद हुए जब श्री अमृतसर में मर्यादा को कायम रखने के उद्देश्य से उनको गिरफ्तार करके लाहौर के सूबेदार जकरिया खां के निर्देश पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया तो उनके द्वारा इनकार करने पर उन्हें टुकड़े टुकड़े काटकर शहीद किया गया । वहीं सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई के प्रचारक देवेंद्र सिंघ ने गुरबाणी संथा देते हुए श्री जपु जी साहिब की व्याख्या तथा मूल मंत्र के महत्व को बताते हुए पर्यावरण स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने तथा स्वयं के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने जीवन की कार्यशैली को बदलने के लिए प्रेरित किया । इस दौरान आयोजित की गई प्रतियोगिता में सिमरन कौर पुत्री परमजीत सिंह प्रथम,मनदीप कौर पुत्री परमजीत सिंह द्वितीय एवं मनदीप कौर पुत्री गुरदेव सिंह तृतीय रहे जिन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। वहीं एसजीपीसी द्वारा प्रदत किए गए मैडलो एवं श्री गुरु रामदास सेवा ट्रस्ट के हरविंदर सिंह चुग द्वारा उपलब्ध कराई गई कॉपियों का वितरण किया गया । तत्पश्चात भाई हरजिंदर सिंह द्वारा सर्वत्र सुख शांति की अरदास के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया ।









