Spread the love

रुद्रपुर : उत्तर भारत और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अस्पतालों का भरोसेमंद नाम मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली ने आज शहर के अमृत अस्पताल के साथ साझेदारी में नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के लिए अपनी विशेष ओपीडी सेवाओं को शुरू करने की घोषणा की मैक्स सुपर स्पेसलिष्ट अस्पताल, वैशाली के नेफ्रोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर मनोज सिंघल ने लॉन्च कार्यक्रम को संबोधित किया. इन सेवाओं की शुरुआत के साथ, सभी उम्र और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के मरीजों को अन्य शहरों में नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि उन्हें अपने इलाके में ही क्वालिटी मेडिकल सेवाएं मिलेंगी.ओपीडी सेवा अमृत अस्पताल रुद्रपुर में शुरू की गई है और हर महीने के तीसरे बुधवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक मरीज यहां आकर डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे. किडनी से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी या फॉलो अप के लिए रेगुलर अपॉइंटमेंट बुक कर पाएंगे।मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वैशाली के नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट मेडिसिन के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉक्टर मनोज सिंघल ने कहा, “हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल करने के अलावा, अपनी डाइट में नमक का सेवन कम करने से इन बीमारियों से दूर रखा जा सकता है और गुर्दे की क्षति को रोका जा सकता है. प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने के बजाय, ताजे फल और सब्जियां खानी चाहिए जो शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखते हैं. एक स्वस्थ तरल पदार्थ का सेवन करते रहने से गुर्दे को डिटॉक्सीकरण प्रक्रिया में मदद मिलती है, नहीं तो फिर गुर्दे की बीमारियां होने का खतरा रहता है. धूम्रपान बंद करना किडनी समस्याएं रोकने में काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि धूम्रपान गुर्दे में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है और उनकी सामान्य कार्य क्षमता को बाधित करता है. धूम्रपान करने वालों को गुर्दे की क्षति का खतरा तीन गुना रहता है।किडनी फेल्योर या क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) एक बढ़ती रहने वाली बीमारी है जो तब होती है जब किडनी रक्त प्रवाह से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को फ़िल्टर करने में कमजोर पड़ जाता है. हालांकि ये कंडीशन लाइलाज है, लेकिन समय पर रोग की पहचान और प्रारंभिक उपचार के साथ, रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है।डॉक्टर मनोज ने आगे कहा, “ऐसे कई कारक हैं जिनसे क्रोनिक किडनी रोगों का पता चलता है. शराब का नियमित सेवन, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, गंभीर डिहाइड्रेशन, असंतुलित डाइट और दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा सेवन करने से किडनी की बीमारी होने का रिस्क रहता है. किडनी की बीमारियों के कहर को रोकने के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है और स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने की भी जरूरत है.शुरुआती चरण में ऐसी स्थितियों की स्क्रीनिंग के लिए रेगुलर हेल्थ चेकअप जरूरी है क्योंकि इससे न केवल रोगी पर बल्कि पूरे समाज पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।किडनी फेल्योर की बढ़ती घटनाओं के बीच मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, वैशाली ने रुद्रपुर में जो ओपीडी सेवा शुरू की है, ये आसपास के मरीजों को बहुत लाभ पहुंचाने वाला कदम है.

You cannot copy content of this page