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चमोली। राजकीय महाविद्यालय तलवाड़ी-थराली, जिला-चमोली में प्रभारी प्राचार्य डॉ. प्रतिभा आर्य की अध्यक्षता में कलम के सिपाही और कथा सम्राट प्रेमचंद की 144 वीं जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। युवा कवि-लेखक और हिंदी विभाग के डॉ. खेमकरण ‘सोमन’ ने कहा कि प्रेमचंद तमीज़ और तहज़ीब के कथाकार हैं। उन्होंने अपनी कहानियाँ और उपन्यासों में हमेशा ही गरीब-गरीबी दलित, शोषितों की पीड़ा को उजागर एवं सामाजिक विसंगतियों का चित्रण किया है। ‘सोजे वतन’ शीर्षक कहानी संग्रह देकर पाठकों एवं जनता के हृदय में देशभक्ति की अलख जगाई। उन्होंने कहा कि न्याय की बात करने वाले प्रेमचंद सही अर्थों में जनता के लेखक थे, जिनकी दृष्टि जनपक्षीय एवं बहुआयामी थी।

विभाग प्रभारी डॉ. पुष्पा रानी प्रेमचंद की कृतियों चर्चा करते हुए कहा कि उनकी रचनाओं में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना देखने को मिलती है। वह जनता के पक्ष में खड़े रहने वाले सबसे पहले प्रगतिशील लेखक थे। राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. ललित जोशी ने गोदान एवं समाजशास्त्र विभाग के मोहित उप्रेती ने कहानी संग्रह ‘सोजे वतन’ की प्रासंगिकता रेखांकित की।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी विभाग के डॉ. सुनील कुमार ने प्रेमचंद के जीवन प्रसंग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व की सरलता के कारण ही प्रेमचंद अपने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुप्रसिद्द हैं।

विचार गोष्ठी में महाविद्यालय के डॉ. शंकर राम, डॉ. नीतू पांडे, डॉ. निशा ढौंढियाल, डॉ. सुधा राना, अनुज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, मनोज कुमार, रजनीश कुमार, हुकम सिंह रावत, नीतीश कुमार, रजनी नेगी, डॉ. जमशेद अंसारी, रमेश चंद्र और गुड्डू आदि उपस्थित थे।

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