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रूद्रपुर- मुख्य रामलीला में विगत रात्रि श्रीराम लीला में आज दीप प्रज्जवलन कुमार आटोमोबाईल परिवार के शुभम अग्रवाल ने सपरिवार दीप प्रज्जवलित के बाद लीला प्रारम्भ हुयी जिसमें हनुमान संपाती संवाद, जामवन्त द्वारा हनुमान जी को उनकी शक्तियां याद दिलाना, हनुमान का लंका पहुंचना, रावण-सीता संवाद, हनुमान सीता संवाद, हनुमान द्वारा अशोक वाटिका को उजाड़ना, हनुमान द्वारा अक्षय कुमार वध, हनुमान मेघनाद संवाद, मेघनाद द्वारा ब्रहमास्त्र चला कर हनुमान जी को बंधक बनाना, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन तक की लीला का का मंचन हुआ।

आज गणेश वंदना, राम वंदना एवं हनुमान वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी रामलीला में युवराज अंगद, हनुमान व वानर दल दक्षिण दिशा की तरफ बढ़ते बढ़ते समुन्द्र तट के समीप पहुंच जाते है, जहां उनकी जटायु के भाई संपाती से होती है। हनुमान संपाती को बताते है कि जटायु को रावण नें मार दिया है और अब दक्षिण दिशा की तरफ सीता मां का हरण कर ले गया है। संपाति उन्हें बताते है कि सीता इस समय इस समुद्र के उस पार एक वाटिका में बैठी है। यह सुनकर वानर दल एक बार फिर हनुमान की तरफ आशा भरी निगाहों से देखता है, लेकिन हनुमान तो गुमसुम से एक शिला पर जाकर बैठ जाते है। तब जामवंत, नल, नील व वानर दल उन्हें उनकी शक्तियां याद दिलाते हैं। हनुमान को अपनी शक्तियों की याद आते ही वह हुंकार भर जय सियाराम के उद्घोष के साथ समुद्र पार लंका तक पहुंचं जाते है।

हनुमान अशोक वाटिका में जाकर एक पेड़ के उपर डेरा लगा लेते है। वहां दुर्दान्त राक्षसों का पहरा है। सांयकाल को संध्या वंदन करने हेतु सीताजी वहां आती है। इस बीच रावण वहां आ धमकता है। रावण सीताजी को धमकाता है। वह सीताजी को लंका की महारानी बनने से लेकर तमाम तरह की धमकियां देता है लेकिन पतिव्रता सीता को डिगा नहीं पाता। रावण के जाते ही हनुमान पेड से राम जी की दी हुयी अंगूठी सीता मां के समीप फैकते है। सीता अंगूठी के देखकर भावविभारे हो उठती है तो हनुमान पेड से नीचे उतरते है और सीता मां को प्रणाम कर परिचय देते है। सीता को अपना धैर्य खोता देख हनुमान कहते है कि आप कुछ देर इन्तजारी कीजिये अन्यथा इसी समय मेरे साथ चलने की तैयारी कीजिये। सीताजी कहती है कि जाउंगी तो यहां से अपने पति के साथ ही, अन्यथा एक माह बाद प्राण त्याग दूंगी। हनुमानजी सीताजी को पूरी दिलासा देते है और साहस बंधाते है। हनुमान जी शत्रु का मनोबल तोडने के लिये हरी भरी अशोक वाटिका को उजाड फैकते है और वहां के पहरेदार राक्षसों को मारपीट कर भगा देते हैं।

हनुमान जी से पिटे राक्षस पहरेदार रावण के दरबार जाकर वहां दुहाई देते है तो रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को हनुमान को बंधक बनाकर पेश करने का आदेश देते है लेकिन हनुमान अपनें एक ही वार से उसे परलोक भेज देते है। यह सुन रावण का क्रोध और भड़क उठता है। रावण अपने पराकमी पुत्र मेघनाद को हनुमान को जिंदा पकड़कर लानें भेजता है। अशोक वाटिका में हुये युद्ध में हनुमान अपनें प्रहारों से मेघनाद को पस्त कर देते हैं तो आखिरकार मेघनाद द्वारा ब्रहम अस्त्र का प्रयोग किया जाता है। हनुमान कहते है कि यह ब्रहम बाण, यह ब्रहम अस्त्र काट मैं सकता हूं पर ध्यान सम्मान ब्रहमा का है। हनुमान रामनाम का उच्चारण करते करते ब्रहम अस्त्र में बांधा जाना स्वीकार करते है। मेघनाद उन्हें ब्रहम अस्त्र में बांधकर रावण दरबार में पेश करते है।

रावण के दरबार में जाकर हनुमान रावण के सामनें अपनें लंका पहुंचने के कारण, सीताजी से भेंट, राम सुग्रीव मित्रता, राम के हाथों बाली वध आदि के पूरे वृतांत सुनाकर कहते है कि यदि आप अपना एवं लंका का विनाश नहीं चाहते हैं तो आप अभी इसी वक्त सीताजी को साथ ले राम के चरणो में जा पड़े और क्षमा की प्रार्थना करें। राम बहुत दयालु है। लेकिन रावण अपने अहंकार में चूर था। भरी सभा में हनुमान जी की बुद्धिमता, राजनैतिक चातुर्य, वाकपुट्ता सहित हनुमान के तर्को का तर्कपूर्ण उत्तर नहीं दे पाता तो कोध में आ जाता है। वह हनुमान को मारने को अपनी तलवार उठाते है लेकिन विभीषण दूत पर प्रहार करनें को राजनीति के खिलाफ बताते है तो रावण हनुमान की पूंछ पर आग लगानें का आदेश देते है। लेकिन यह दांव भी रावण के खिलाफ नुक्सानदेह ही साबित होता है क्योंकि हनुमान सोने की नगरी लंका में आग लगा वापस उड़ जाते है।

आज की लीला में हनुमान जी की भूमिका में रामभक्त सुशील गाबा, गणेश भगवान की भूमिका में आशीष ग्रोवर, सीता की भूमिका में गौरव जग्गा, ऋषि सचिन मुंजाल, मेघनाद रमन अरोरा, अक्षय कुमार- अभय मुड्डी, विभीषण- सचिन आनन्द, जामवन्त जी की भूमिका रोहित खुराना, बाल हनुमान- अविश तनेजा, संपाती की भूमिका में गोला ईदरीसी, धनपालिनी की भूमिका में नरेश छाबड़ा, जोकर पार्टी राम कृष्ण कन्नौजिया, गोगी नरूला, कुक्कू शर्मा, रजत अरोरा, बाल कलाकारों में पुरुराज बेहड़, कनव गंभीर, पारस अरोरा, अग्रिम सचदेवा, सक्षम दुआ, आशमन अरोरा, हर्षित अरोरा, हर्ष नरूला, सक्षम दुआ, आयुष धमीजा, ग्रंथ अरोरा, युवी भुड्डी, निर्वाण जग्गा, मनकरन रंधावा, शिवाय मुंजाल, माधवन अरोरा ने शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव संदीप धीर एवं मंच सचिव विजय जग्गा ने किया।

इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित अरोरा सीए, समन्यवयक नरेश शर्मा, विजय जग्गा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, राजेश छाबडा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला, आशीष मिड्‌ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, चन्द्र सचदेवा, रवि बठला, संदीप धीर, श्री रामनाटक क्लब कार्यकारणी के सरंक्षक मोहन लाल भुड्डी, अध्यक्ष विशाल भुड्डी, सरपरस्त प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, राम कृष्ण कन्नौजिया एवं अनिल तनेजा, डायरेक्टर गौरव राज बेहड, मनोज मुंजाल, आशीष ग्रोवर आशू, अनिल तनेजा, महामंत्री गौरव तनेजा, कोषाध्यक्ष सचिन मुंजाल, गुरशरण बब्बर शरणी, सुभाष तनेजा, राजकुमार कक्कड, अमन गुम्बर, अमित चावला, सन्नी आहूजा आदि मौजूद थे।

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