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रुद्रपुर- समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति गवर्नर हाउस और समाज कल्याण विभाग की लाल फीता शाही की भेंट चढ़ गई है।ज्ञात रहे कि विगत कई वर्षों से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया जाता आ रहा है। लेकिन विगत वर्ष से समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति के लिए लगाए जाने वाले प्रपत्रों मे विद्यालय के संबद्धता पत्र को लेकर विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति आवेदनों को बीच में लटका दिया। जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले राज्य के हजारों छात्राएं इस लाभ से वंचित रह गए। वर्तमान सत्र में भी यह समस्या छात्रों को उठानी पड़ रही है। नगर के विद्यालयो में अध्यनरत विधि के छात्रों ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से शिकायत करते हुए बताया कि एक ओर आवेदन विद्यालय के नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापित कर दिया जाता है किंतु जिला समाज कल्याण अधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा छात्रवृत्ति के आवेदन को संबंधित विद्यालय द्वारा संबद्धता पत्र जमा न करने के कारण निरस्त कर दिया जाता है। जिसकी जानकारी संबंधित विद्यालय से लेने पर पता चला कि शासन द्वारा विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण तो पूर्ण कर लिया जाता है किंतु समय रहते संबद्धता पत्र नहीं दिया जाता। रुद्रपुर के अनेक विद्यालयो के छात्रों ने बताया कि वह स्वयं की तरह इस समस्या से जूझ रहे राज्य के हजारों छात्रों को देखते हुए जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा जिलाधिकारी से मिल चुके हैं। विद्यालय द्वारा शासन से संबद्धता पत्र समय पर नहीं मिलने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर जिला समाज कल्याण नोडल अधिकारी द्वारा आवेदक को विद्यालय का संबद्धता पत्र न होने के कारण निरस्त कर दिया जाता है। विभागों के आपसी असमन्वय और लाल फीता शाही के चलते छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।

गत वर्ष भी समस्या जस की तस

छात्रवृत्ति के लिए आवेदन गत वर्ष प्रारंभ हो चुके हैं किंतु उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों का एक वर्ग के मस्तिष्क में यह सवाल बार-बार घर कर रहा है कि विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी उनके छात्रवृत्ति लाल फीता शाही की भेंट न चढ़ जाए।बता दें कि राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से छात्रवृत्ति के लिए आवेदन के जाने प्रारंभ हो चुके हैं, किंतु अभी तक शासन द्वारा विद्यालयों को गत सत्र का संबद्धता पत्र प्राप्त नहीं हुआ है जिससे छात्रों में छात्रवृत्ति को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है।

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