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उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा के पास शुक्रवार को एक बड़ी दुर्घटना घटी, जब एक भारी ग्लेशियर टूट गया और इससे लगभग 57 मजदूरों की जान खतरे में पड़ गई। यह मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सड़क निर्माण कार्य में लगे थे। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें 16 मजदूरों को बचाया गया है, जबकि बाकी मजदूरों की तलाश जारी है।माणा, जो चीन सीमा के करीब स्थित है, भारत का पहला गांव भी माना जाता है। ग्लेशियर टूटने के बाद, ग्रिफ के कैंप को भी नुकसान की खबर है। स्थानीय प्रशासन और आईटीबीपी की टीमों ने मौके पर राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण संपर्क स्थापित करने में कठिनाई आ रही है।जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीमों को घटनास्थल पर भेजा गया है, और वे पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द सभी फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि जनहानि की अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि “हम सभी आवश्यक सहायता और राहत कार्यों के लिए ITBP, BRO और अन्य संबंधित एजेंसियों से पूरी मदद ले रहे हैं। भगवान से प्रार्थना है कि सभी श्रमिक सुरक्षित हों।”घटना के बाद प्रशासन और बचाव दलों ने पूरी ताकत से काम करना शुरू कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सकेगा।

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