प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां कैसे उड़ाई जाती है अगर इसका उदाहरण देखना है तो आप आदर्श जिला चंपावत के लोहाघाट आईए। जहां लोहाघाट के खूबसूरत जंगलों को किस प्रकार से कूड़े के ढेर में बदला जा रहा है। पर इन खूबसूरत बाज व देवदार के जंगलों को बचाने के लिए प्रशासन, जिला पंचायत व वन विभाग के द्वारा कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की जिम्मेदारी संभाल रहा जिला पंचायत चंपावत अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण लोग सड़कों व जंगलों में कूड़ा फेंक रहे जिसका खामियाजा आसपास रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोहाघाट की पुल्ला सड़क में होटल मोनल इन के पास के खूबसूरत बाज के जंगलों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जिला पंचायत के द्वारा कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न किए जाने से लोग खुलेआम इन जंगलों को प्रदूषित करते जा रहे हैं ।जिस कारण जंगलों के अस्तित्व में खतरा पैदा हो गया है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व कांग्रेस नेत्री सुशीला बोहरा ने क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करने तथा कूड़ा फेंकने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसडीएम लोहाघाट को ज्ञापन दिया ।सुशीला बोहरा ने बताया पूरे जंगल को कूड़े से भर दिया गया है जिस कारण आसपास रहने वाले लोगों का बदबू से जीना मुहाल हो गया है बीमारियों का खतरा बढ़ चुका है। पर जिला पंचायत व प्रशासन के द्वारा कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वन विभाग के अधिकारी आंखें मुंदे बैठे हुए हैं ।उन्होंने कहा स्वच्छ भारत मिशन सिर्फ कागजों पर नजर आ रहा है ।कहा जिला पंचायत को ग्रामीण क्षेत्र की स्वच्छता की जिम्मेदारी दी गई है पर जिला पंचायत के द्वारा अपनी जिम्मेदारी को नहीं निभाया जा रहा है। जिस कारण पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो चुका है। उन्होंने एसडीएम लोहाघाट से जल्द से जल्द कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था करने के साथ-साथ प्रतिदिन घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था की मांग की है। कूड़े के ढेर लगने से क्षेत्र वाशियो में काफी आक्रोश है। कहा कभी ठंडी सड़क के नाम से जाने जाने वाली यह खूबसूरत सड़क आज लोगों व प्रशासन की लापरवाही के चलते पूरी तरह प्रदूषित हो चुकी है। जंगलों को बचाने की जिम्मेदारी संभालने वाला वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है क्या वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी नहीं बनती है कि जंगलों को प्रदूषण से बचाया जाए। लोगों ने कहा अगर जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो पूरा जंगल कूड़े के ढेर में तब्दील हो जाएगा। लोगों ने जिलाधिकारी चंपावत से मामले का संज्ञान लेते हुए कूड़ा निस्तारण का उचित प्रबंध करने की मांग की है। अब देखना है प्रशासन मामले का क्या संज्ञान लेता है और इन खूबसूरत जंगलों को बचाने के लिए क्या प्रयास करता है ?फिलहाल समस्या काफी गंभीर है जनता करे भी तो क्या करें कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें भी मजबूरी में जंगलों में कूड़ा फेंकना पड़ रहा है। वर्तमान में लोहाघाट की ठंडी सड़क, डिग्री कॉलेज रोड पुल्ला सड़क पूरी तरह टचिंग ग्राउंड में बदल चुकी है। वहीं उपाध्यक्ष वन एवं पर्यावरण सलाहकार समिति श्याम नारायण पांडे ने कहा मामला संज्ञान में आया है वनों को इस प्रकार प्रदूषित करना काफी गंभीर मामला है ।उन्होंने कहा वह जल्द जिला पंचायत व वन विभाग को कूड़ा निस्तारण करने तथा जंगलों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए निर्देशित करेंगे।







