सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1886 में शिकागों के मजदूरों के शानदार संघर्ष से शुरू हुई 8 घंटे की लड़ाई ने पूरी दुनिया के मजदूरों को 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम,8 घंटे मंनोरंजन की मांग को लेकर अपने अपने देशों के पूंजपति वर्ग और पूँजीवादी सरकारों से लड़कर हासिल करने में भूमिका निभाई थी। इस संघर्ष से प्रेरित होकर ही मजदूरों ने कई सारे श्रम कानूनों को बनाने के लिए पूंजीपति वर्ग और सरकारों को बाध्य किया था। आज दुनिया भर में मजदूर वर्ग की संगठित ताकत के कमजोर होने से पूंजीपति वर्ग दोबारा मजदूर वर्ग पर हमलावर हो गया है। मजदूरों पर पूंजपति वर्ग का शोषण उत्पीड़न बढता गया। काम के घन्टे 8 की जगह 12-14 होने लगे हैं।मजदूरों का वेतन मंहगाई के अनुरूप काफी कम होता गया। आज मजदूरों के सामने ये परिस्थिति पैदा कर दी गई है कि वह 8 घंटे के स्थान पर 12-14 घन्टे काम कर किसी तरह अपने परिवार को पालने को विवश हो गया है।क्योंकि 8 घंटे की ड्यूटी के एवज में मजदूरों के लिए जो न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया है उससे वो अपना और अपने परिजनों का भरण पोषण करने में पूरी तरह से असमर्थ हैं। वक्ताओं ने कहा कि आज टैक्नोलॉजी जितनी विकसित हो गई है उसके हिसाब से मजदूरों के काम के घंटे 4-6 होने चाहिए थे लेकिन हो एकदम उल्टा रहा है हमारे देश के पूंजीपति मजदूरों से प्रति सप्ताह 70-90 घंटे काम कराने की बात कर रहे हैं। मजदूरों को काफी कम वेतन दिया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पहले ही मजदूरों द्वारा हासिल 44 केन्द्रीय श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड बना दिये हैं । जिसके तहत मजदूरों को संगठित होने, हडताल करने , स्थाई के स्थान पर फिक्स टर्म पर मजदूरों को रखने के साथ साथ अब तक मिले अधिकारों से वंचित कर दिया गया है। केन्द्र की मोदी सरकार व उत्तराखंड की धामी सरकार अपने फासीवादी एजेंडा के तहत मजदूरों को बांटकर मजदूरों सहित सभी मेहनतकश जनता के बीच सांप्रदायिकता का जहर घोल रही है। सिडकुल पंतनगर मे ही मजदूरों की आवाज उठाने पर गुंडा एक्ट जैसे फर्जी मुकदमे मजदूर नेताओं पर लगाये गये हैं। वक्ताओं ने एक स्वर मे सिडकुल हरिद्वार के एंकर कंपनी के मजदूरों के संघर्ष का समर्थन किया व उनके आंदोलन का समर्थन कर रहे संयुक्त मोर्चा हरिद्वार के विभिन्न नेताओं पर हरिद्वार प्रशासन द्वारा लगाये फर्जी मुकदमों की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया। सभा मे मजदूरों के 8 घंटे कार्यदिवस के अधिकार को बचाने , 4 लेबर कोड के खिलाफ ,मजदूरों के संगठित होने और ट्रेड यूनियन अधिकारों के दमन Lmao खिलाफ,श्रम भवन रुद्रपुर में चल रही मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ,केन्द्र व राज्य सरकार के फासीवादी हमलों के खिलाफ एकजुट संघर्ष करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम मे दिनेश तिवारी अध्यक्ष श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर , कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह श्रमिक संयुक्त मोर्चा , कैलाश भट्ट इंकलाबी मजदूर केन्द्र, मुकुल सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियन (CSTU), ललित मटियाली एक्टू, सुरेन्द्र सिंह मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा), राजेश तिवारी क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन , हरेन्द्र सिंह करोलिया लाइटिंग इम्पलाइज यूनियन, गंगा सिंह आनंद निशिकावा इंप्लाइज यूनियन, विकल एडविक कर्मचारी संगठन, सी एन जी टेम्पो यूनियन के सुब्रत विश्वास, अनीता अन्ना ज़ाइडस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन, गोकुल लोहनी टाटा ऑटोकॉम मजदूर संगठन, विजय प्रिकाल, निरंजन लाल मंत्री मेटलिक्स मजदूर संगठन, सौरभ कुमार इन्टरार्क मजदूर संगठन पंतनगर, ह्रदयेश कुमार इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा, जयशंकर पीडीपी एल मजदूर संगठन, प्रकाश मेहरा ऑटो लाइन इम्प्लाइज यूनियन, पुष्कर राने मद्रास इम्प्लाइज यूनियन, हीरा राठौर बजाज मोटर्स कर्मकार यूनियन, गोपाल गौतम समता सैनिक दल, अमर सिंह मूल निवासी संघ , लोकेश पाठक भगवती इम्प्लाइज यूनियन, मोहन अधिकारी रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संगठन, पुरूषोतम कुमार वोल्टास इम्प्लाइज यूनियन, विवेक पाण्डेय नील मेटल कामगार संगठन, रविन्द्र यजाकि वर्कर यूनियन, राजन छात्र, संजय नेगी नेस्ले कर्मचारी संगठन, दीपक पंत एडीएन्ट कर्मकार यूनियन , गोविंद एल जी बी यूनियन , उपेन्द्र राय एरा श्रमिक संगठन, आदि शामिल रहे ।







