
कला न केवल समाज को संवेदनशील बनाती है बल्कि यह हमें सोचने और महसूस करने का नया दृष्टिकोण प्रदान करती है कला में नजरिया बदलने भावनाएं जगाने और दुनिया को और भी खूबसूरत बनाने की शक्ति है कला दिल से जन्म लेती है कलाकार अपनी कला में भावनाएं पिरोता है संगीत में वह अपनी अभिव्यक्ति द्बारा दर्शक को रूलाने की क्षमता रखता है वह केनवास पर रंग ही नहीं भरता बल्कि अपनी आत्मा को उकेरता है संगीतकार केवल अपने संगीत में सुर ही नहीं पिरोता वह दुसरो के धड़कते दिलो को भी छूता है बल्कि अपने सुर-मयी रागों द्बारा मानव- जनित विभिन्न रोगो दूर करने की क्षमता भी रखता है लेखक अपने खूबसूरत शब्दों के माध्यम से अपने भावों प्रस्तुत कर रचनाएं करता है नृतक व नृत्यांगनाएं अपने चेहरे की भाव भंगिमाओं व शरीरिक मुद्राओ द्बारा अपने भावो को अभिव्यक्त करते हैं सबसे बड़ी कला चुप रहकर बोलना। कला वह भाषा है जिसमें कलाकार की आत्मा बोलती है कला दिल से जन्म लेती है वह देखी नहीं बल्कि महसूस की जाती है कलाकार की कला दिल की गहराईयो से निकलती है वह क ई बार अपनी आंखें के माध्यम से भी अपनी कला को व्यक्त करने की क्षमता रखता है कलाकार अपनी कला के माध्यम से ही अपनी कला व भावनाएं व्यक्त करने की क्षमता रखता है आजकल ए,आई, द्बारा रचित कूटफोटो, संगीत, नाटक,रील आदि बनाना प्रचलन में आ रहा है परन्तु वह दिल की संवेदनाऐ व भावनाएं को महसूस कराने में नाकाम साबित हुआ है अरिजीत दास, रविन्द्र नाथ टैगोर, लियोनार्डो दा विंची, राजा रवि वर्मा नीदरलैंड के विन्सेंट विलेम वेन गांग आदि विश्व प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी कला के माध्यम से देश व विदेश में एक नयी पहचान बनाई है।
अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रस्तुति नरेश छाबड़ा
आवास-विकास रूद्रपुर
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