रूद्रपुर, विकास भवन सभागार कक्ष रूद्रपुर में ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में मक्का एवं अन्य वैकल्पिक फसलो दलहन,गन्ना सब्जी आदि की खेती विषय पर एक कृषक गोष्ठी का आयोजन मुख्य विेकास अधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा गर्मी वाले धान के विकल्प के तौर पर ली जाने वाले अन्य फसलें यथा- मक्का गन्ना आदि के बारे मंे जनपद ऊधम सिंह नगर में विभन्न स्तर से की गयी कार्यवाहियों एवं कृषको को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। जनपद ऊधम सिंह नगर मेें प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन के माध्यम से गोष्ठियों का आयोजन 12 फरवरी 2025 से किया जा रहा है जो 15 फरवरी 2025 तक चलेगा।मुख्य विकास अधिकारी ने गर्मी का धान उत्पादन से उत्पन्न समस्याओं की जानकारी देते हुए अन्य फसलों को लगाने के फायदे व महत्व को सभी कृषकों व कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों को समझाए। उन्होंने कहा कि धान की दो फसल लगाने से खरीफ के समय मुख्य फसल में कीट व रोगों का प्रकोप बढ़ता है, कीटनाशकों का दुष्प्रभाव भी बढ रहा है साथ ही फसल उत्पादन की लागत भी बढ रही है पानी का जलस्तर गिरता है, मृदा स्वास्थ्य खराब होता है, साथ ही मृदा का पीएच मान बढ़ना, व मृदा की कड़ी परत का बनना तथा दो बार पैडलिंग से अधिक मीथेन का बनना जो पर्यावरण के लिए हानिकारक है जैसी कई समस्याएं हमारे सामने हैं, इसलिए ग्रीष्मकालीन धान के विकल्प के रूप में हमें अन्य फसलों का उत्पादन करना होगा।
गोष्ठी में उपस्थित लगभग 250 कृषकों द्वारा यह सहमति दी गयी कि गर्मी वाले धान को लगाने से उनके खेतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है। कृषकों द्वारा यह भी माना गया कि गर्मी वाले धान को प्रतिबन्धित रखना चाहिए,परन्तु जो निचले व दलदली भूमि वाले खेत हेैं एवं ऐसे क्षेत्र जहॉ मक्का की खेती सम्भव नही है, वहॉ पर अनुमति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया।उपस्थित कृषकों द्वारा भी अवगत कराया गया कि उनको मक्का उत्पादन से सम्बन्धित यंत्र, व बीज अनुदान पर उपल्बध कराया जाए। मक्का कटाई के समय नमी अधिक होती है, इस हेतु ड्रायर भी समूह में उपलब्ध कराये जायें। मक्का कटाई के लिए जनपद में उपलब्ध कम्बाईन, कटर को भी अनुदान पर उपलब्ध कराया जाए, जिससे मक्का फसल उत्पादन सुलभ तरीके से किया जा सके । कृषकों के द्वारा सहमति दी गयी, कि ग्रीष्मकालीन धान पर प्रतिबन्ध रहना चाहिए। गेहूॅ काटने के उपरान्त माह जून से पूर्व धान रोपाई की पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहे। कृषकों द्वारा ऐसे क्षेत्र जहॉ मक्का फसल नहीं हो सकती है, ऐसे क्षेत्रों हेतु कृषकों के आवेदन पर विचार किये जाने का अनुरोध किया गया है, जिससे ऐसे क्षेत्रों में कृषको की खेती प्राभावित न हो।
मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा दो बार धान की फसल लेने पर खेती पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में अवगत कराया गया। जनपद ऊधम सिंह नगर में वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर मक्का उत्पादन से कृषकों को मक्का उत्पादकता व प्राप्त आय के बारे में जानकारी दी गयी। विभिन्न फसल चक्र के माध्यम से तुलनात्मक आय के विवरण से भी कृषकों को भी अवगत कराया गया। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया की मक्का उत्पादन से सम्बन्धित यंत्र जिला योजना, राज्य योजना व केन्द्रपोषित योजनाओं मंे प्रस्तावित किये जा रहे हैं, जो कृषकों को अनुदान पर उपलब्ध हांेगे। बडे कृषकों को 40 प्रतिशत, लघु एवं सीमान्त कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदत्त होगा, इसके अतिरिक्त समूहों में भी यंत्र उपलब्ध कराये जायेंगे, जहॉ से अन्य कृषक भी उनका उपयोग कर सकेंगे।कृषकों को मक्का विपणन के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी तथा यह भी अवगत कराया गया कि कृषकों की मक्का मॉ शीतला बैन्चर, किच्छा, गुजरात अम्बूजा, रॉकेट इण्डिया लि0 फर्मों में बिक्री हो सकती है। मॉ शीतला बैन्चर द्वारा कृषकों से क्रय हेतु एग्रीमेन्ट (एम0ओ0यू0) भी किया जा रहा है। अतः कृषक विपणन हेतु एम0ओ0यू0 भी कर सकते हैं, जिसमें 14 प्रतिशत नमी पर उनको न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्राप्त होगा ।
गोविन्द बल्लब पंत कृषि एवं प्रौद्यो0 वि0वि के वैज्ञानिक डॉ0 आर0के0सिंह एवं डॉ0 भटनागर द्वारा मक्की विभिन्न प्रजातियों एवं फसल उत्पादन तकनीकी के सम्बन्ध में कृषकों को जानकारी दी गयी कृषि विज्ञान केन्द्र,ज्योलीकोट,नैनीताल के प्रभारी डॉ0 सी0 तिवारी द्वारा गर्मी वाले धान के स्थान पर ली जाने वाले वैकल्पिक फसलों, मक्का दलहन, गन्ना, सूरजमुखी आदि के उत्पादन तकनीकी एवं उनसे प्राप्त आय के सम्बन्ध में कृषकों को अवगत कराया गया। गर्मी वाले धान के स्थान पर दाने वाली मक्का हेतु 5 मार्च तक बुवाई कर सकते हैं इसके उपरान्त कृषक साईलेज हेतु मक्का की फसल ले सकते हैं, दाने वाली मक्का 110 से 115 दिन में एवं साइलेज वाली मक्का 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती हैं।मक्का बीज के संबध में वायर कम्पनी के प्रतिनिधि ने मक्का उत्पादन के संबध में जानकारी देते हुए अवगत कराया गया कि वायर कम्पनी का मक्का हाई बीड बीज डिकाल्ब 9208 का मूल्य 630 रू0 प्रति0 किलो एवं डिकाल्ब 9108 का मूल्य 600 रू0 प्रति0 किलो निर्धारित हैं।मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि कृषि विभाग व तहसील प्रशासन द्वारा ग्रीष्मकालीन धान की खेती से होने वाले दुष्प्रभावों एवं अन्य वैकल्पिक फसल के उत्पादन के सम्बन्ध में ग्राम पंचायत व न्याय पंचायत स्तर पर भी जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जायेगें, एवं ग्रीष्मकालीन धान हेतु जारी प्रतिबन्ध आदेश के सम्बन्ध में निरीक्षण भी किया जायेगा। ग्रीष्मकालीन धान हेतु जारी प्रतिबन्ध आदेश के सम्बन्ध में कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी, रूद्रपुर व काशीपुर को भी गांव-गांव में व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु भी निर्देशित किया गया।इस दौरान जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, प्रभारी अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र ज्योलिकोट नैनीताल डॉ. सी. तिवारी, वैज्ञानिक पंतनगर कृषि वि.वि. डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. अमित भटनागर, कृषक संगठनों के प्रतिनिधि व कृषकगण उपस्थित थे।







