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गदरपुर । श्री पुरातन सनातन धर्म मंदिर में सावन मास के उपलक्ष्य में चल रही कथा के 18 वें दिवस की कथा करते हुए कथा वाचक पंडित विजय कुमार शास्त्री जी ने कहा कि सुव्यवहार ही भक्ति है,जिसके व्यवहार में दंभ है,अभिमान है,उसका व्यवहार अशुद्ध है,सब में ईश्वर का अनुभव करने से लाभ ही लाभ है,ईश्वर कोई ऐसी वस्तु तो है नहीं जो एक ही स्थान पर रह सके यह तो सर्वव्यापी और सर्वत्र है । आज हरियाली तीज के अवसर पर फूलों से भगवान जी का श्रृंगार किया गया एवं मेहंदी की सेवा क्वीन ब्यूटी पार्लर द्वारा निशुल्क की गई।वहीं प्रसाद की सेवा तीन परिवारों,श्री पुरातन सनातन धर्म मंदिर के संरक्षक अजीत भुसरी सचिव अंकित गगनेजा एवं श्रीमती लक्ष्मी जी(बस अड्डा कॉलोनी) के परिवारों द्वारा तथा कथा में तीनों परिवारों द्वारा पूजा अर्चना की गयी।

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