मंगलवार को गेल इंडिया लि0 ने नैनीताल रोड सिडकुल ऑफिस के सामने साइबर सेल के पास मंडी उत्पादक समिति के खाली प्लाट में गैस पाइपलाइन में गैस रिसाव संबंधित मॉक ड्रिल किया।
अधिशासी निदेशक गेल (इंडिया) लिमिटेड नोएडा आरके सिंह ने बताया कि गेल भारत सरकार के स्वामित्व वाली जो प्राकृतिक गैस के परिवहन, वितरण और विपणन में अग्रणी भूमिका निभा रही है। उत्तराखंड में गेल का योगदान राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, गेल प्राकृतिक गैस शहरी गैस वितरण कंपनियों के माध्यम से घरों, उद्योगों और अन्य व्यावासिक क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद कर रही है। उन्होने बताया कि प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में किसी आपातकालीन दुर्घटना की स्थिति में आपातकालीन तैयारी की जांच किए जाने के लिए गेल लिमिटेड द्वारा जिला प्रशासन की अगुवाई में पुलिस, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस सेवा, आपदा प्रबंधन सेल, एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ. और गेल काशीपुर के म्युचल एड पार्टनर, औद्योगिक ईकाइयों इंडियन ऑयल अदानी, टाटा मोटर्स, बजाज, वोल्टास आदि अन्य संबंधित विभाग,एजेंसियों के सहयोग से रुद्रपुर में प्रभावशीलता को जांचने के लिए “ऑफ साइट एमरजेंसी ड्रिल” का सफल आयोजन किया गया, मॉकड्रिल में जो भी आउटपुट मिलेंगे उन्हे अपनी आगे की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा। उन्होने मॉकड्रिल के सफल अयोजन में सभी सहयोगियों का आभार भी व्यक्त किया।
प्रभारी अधिकारी ने कहा कि ड्रिल का मूल उद्देश्य किसी आपदा के समय आपातकालीन तैयारी का मूल्यांकन एवं जांच करना तथा जरुरी संसाधनों की पर्याप्तता और गेल व जिला प्रशासन के विभिन्न दलों की तत्परता का पता लगाना है।
मॉकड्रिल तीन स्तरों पर की गई। प्रथम स्तर पर गेल इंडिया द्वारा स्वंय गैस पाईप लाइन में गैस रिसाव की जांच करते हुए गैस रिसाव के उपरांत गैस की पाईप लाईन में लगी आग को स्वंय बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान उनका एक कार्मिक भी घायल हो गया। मगर आग बुझाने में सफलता नही मिली। इसके उपरान्त द्वितीय चरण में गेल द्वारा अपनी सहयोगी कम्पनियों सहयोग से गैस रिसाव व उसमें लगी आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया जिसमें उनके दो और कार्मिक घायल हो गये। पाईप लाईन में गैस रिसाव व लगातार बढ़ते अग्नि को देखते हुए गेल द्वारा जिला आपदा प्रबन्धन सेल को उक्त घटना की सूचना देते हुए सहयोग का आग्रह किया। जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए अग्निशमन, पुलिस, स्वास्थ्य एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के दलों के साथ घटना स्थल पर पंहुचकर गैस रिसाव व आग पर काबू पाने का कार्य किया। कुछ ही समय में जिला आपदा प्रबंधन द्वारा आग पर काबू पा लिया गया मगर तीन और कर्मचारी घायल हो गये, 6 घायल कार्मिकों को रेस्क्यू सेंटर भेजा गया। जहां से घायलो का प्राथमिक उपचार कर 4 कार्मिकों को उपचार हेतु हायर सेंटर भेजा गया।
मॉक ड्रिल में उप जिलाधिकारी मनीष बिष्ट ओसी आपदा प्रबंधन गौरव पांडेय , एसीएमओ डॉ0 हरेन्द्र मलिक, सीएफओ संजीव कुमार, असिस्टेंड कमान्डेंट एनडीआरएफ सुनील कुमार, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी, चीफ जनरल मैनेजर गेल आलोक कुमार, राजेन्द्र सिंह, चीफ मैनेजर गौरव अग्रवाल, कोआडिनेटर दक्ष चण्डोक, चीफ मैनेजर एचआर नोएडा अप्पा राव सहित विभिन्न औद्योगिक संस्थानो के प्रबंधक व अधिकारी मौजूद थे।








