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पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आज नगला नगर पालिका अध्यक्ष सचिन शुक्ला एवं पालिका के सभासदगणों और नगला बचाओ समिति के सदस्यों के साथ कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत से उनके कैंप कार्यालय, हल्द्वानी में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर नगला नगर पालिका क्षेत्र से संबंधित भूमि सीमांकन एवं अतिक्रमण के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने आयुक्त को अवगत कराया कि मंत्रिमंडलीय उप समिति के निर्देशानुसार, आयुक्त कुमाऊं की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसे नगला नगर पालिका क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग, तराई स्टेट फार्म एवं वन भूमि के चिन्हीकरण का दायित्व सौंपा गया है। आवश्यकता पड़ने पर इस कार्य हेतु सर्वे ऑफ इंडिया से तकनीकी सर्वेक्षण करवाने का भी अधिकार प्रदान किया गया है। शुक्ला ने 15 जून 1966 को लोक निर्माण विभाग द्वारा नगला निवासी एक व्यक्ति को जारी किए गए नोटिस का हवाला देते हुए बताया कि उस समय विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया था कि वर्तमान मार्ग के केंद्र से दोनों ओर 50-50 फीट भूमि विभाग की स्वामित्व वाली है और इस पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि 55 वर्ष पूर्व ही लोक निर्माण विभाग द्वारा अपनी भूमि की सीमाएं तय की जा चुकी हैं, अतः वर्तमान में जारी प्रक्रिया में इस तथ्य को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाए। पूर्व विधायक ने कुमाऊं आयुक्त से अनुरोध किया कि उक्त सभी तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए समिति द्वारा नगला नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 750 परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि समिति की शीघ्र बैठक आयोजित कर सभी तथ्यों की निष्पक्ष जांच की जाएगी तथा नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई कर निर्णय लिया जाएगा।मुलाकात करने वालों में सभासद सुनील रोहेल्ला,देवेंद्र यादव,धनुज यादव, नेहा मिश्रा, ज्योति प्रसाद, नीलम यादव,अजय कुमार, गोपाल दत्त जोशी,नगला बचाओ समिति से रामू बिष्ट,नारायण सिंह अरमोली,हरीश जोशी,बी.बी.मिश्रा समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

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