किच्छा – जनसंघ के संस्थापक और स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती पर किच्छा पूर्व विधायक आवास पर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व विधायक राजेश शुक्ला और नगर मंडल अध्यक्ष गोल्डी गोराया ने दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि डॉ. मुखर्जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के औद्योगिक विकास के मार्गदर्शक थे। उन्होंने स्वतंत्र भारत की पहली औद्योगिक नीति तैयार की, जिसमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संतुलित विकास पर बल दिया गया। उनके प्रयासों से हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड और सिंदरी फर्टिलाइज़र जैसे कई बड़े सार्वजनिक उपक्रमों की नींव रखी गई। 1901 में कोलकाता में जन्मे डॉ. मुखर्जी 26 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय के सबसे युवा कुलपति बने। उन्होंने देश की शिक्षा, उद्योग और राष्ट्रीय एकता के लिए अविस्मरणीय योगदान दिया। 1950 में उन्होंने कश्मीर और अनुच्छेद 370 पर नेहरू सरकार से वैचारिक मतभेद के चलते मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। 1951 में उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी में परिवर्तित हुई। 1953 में डॉ. मुखर्जी ने ‘एक देश, एक विधान’ के नारे के साथ कश्मीर में परमिट सिस्टम का विरोध किया। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद किया गया और 23 जून 1953 को उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु हो गई, जिसे आज भी राजनीतिक षड्यंत्र से जोड़ा जाता है।
कार्यक्रम में कई भाजपा कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम को पूर्व मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना व वरिष्ठ भाजपा नेता ठाकुर संजीव सिंह ने भी संबोधित किया तथा कार्यक्रम का संचालन मंडल महामंत्री मुकेश कोली ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंडल अध्यक्ष गोल्डी गोराया, पूर्व मंडल अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना, मंडल अध्यक्ष रुद्रपुर सुनील ठुकराल, महामंत्री मुकेश कोली, महिला मोर्चा अध्यक्ष आरती दुबे, क्रय विक्रय अध्यक्ष मूलचंद राठौर, वरिष्ठ भाजपा नेता ठाकुर संजीव सिंह, रमन कोली, मनजीत सिंह, नाजिम मलिक, शैलि फुटेला, पूनम अग्रवाल, शैल शुक्ला, कविता मान,मधु गुप्ता, सुनीता गंगवार, धनीराम, उमाशंकर रस्तोगी, ओंम तनेजा, हारून मलिक, जावेद मलिक, संजीव खन्ना, राजकुमार कलरा, संदीप दीक्षित, कमलेश राठौर, अजीत सक्सेना, नितिन वाल्मीकि, जितेंद्र गुप्ता, अमरनाथ कश्यप, दया दसीला, कुलदीप बग्गा, मनी सक्सेना, रितिक कश्यप, राजकुमार कोली, रमन कोली, हीरा सरकार, जानकी तिवारी समेत कार्यकर्ता उपस्थित थे।








