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अनुज दसवीं क्लास का छात्र था वह जब भी स्कूल जाता था तो उसके साथ के छात्र उसे छेड़ते कोई उससे सीधे मुंह बात नहीं करता था और सब‌ सहपाठी अपशब्दों का प्रयोग करते फिर सोचता कि न जाने ईश्वर ने उसे ऐसा क्यों बनाया है उसका मन बड़ा दुःखी होता सोचता शायद मुझसे ही कोई कमी होगी शायद मेरे स्त्री सुलभ लक्षणों के कारण ही ऐसा हो रहा हो रहा होगा उसकी मां भी किसी दुसरे स्कूल में टीचर थी वह अपनी मंशा को किसी से भी ज़ाहिर ही नहीं कर पाता था इससे उसका हर पल आत्मविश्वास गिरने लगा था स्कूल के हर कार्यक्रम में उसे पीछे धकेला जा रहा था साथी उसे बुली करते व उसका दिल भर मजाक उड़ाते उसके स्कूल में जिला स्तर पर एक वाद-विवाद प्रतियोगिता रखी गयी थी जिसका विषय था ॓मेरा राष्ट्र- मेरा गौरव ॔ जो कुछ दिनो में होने वाली थी मेहनत से उसका भी चयन तीन छात्रों में हो गया था उसने अपने आपको संभाला कुछ ही दिनों में प्रतियोगिता आयोजित होने वाली थी उसने सोचा वह अपने टेलेंट से ही इन सबका जबाब देगा।वह दिन रात अपनी मां से सहयोग लेकर अपनी तैयारी में जुटा था आज प्रतियोगिता का दिन था सभी स्कूलो के बच्चे अपनी अपनी प्रस्तुति दे रहे थे उसने भी अपनी प्रस्तुति सटीक वाक्यों उदाहरणों व मुहावरों से शुद्ध साहित्यिक भाषा में अपनी प्रस्तुति दी सभी ने करतल ध्वनि से उसके ज्ञान सुंदर भाषा-शैली की सराहना वहां उपस्थित जनसमूह व बुद्धिजीवी वर्ग ने की । अब परिणाम का क्षण नजदीक था जिसका उसे बेसब्री से इंतजार था पहले तीसरा, फिर दुसरा परिणाम पुकारा गया जो कि अन्य स्कूल के छात्र थे उसकी धड़कनें बढ़ने लगी थी उसका दिल लरजने लगा था सारे बदन में सिहरन दौड़ रही थी जैसे ही पहले स्थान पर अनुज के नाम की घोषणा हुई वह खुशी व उत्साह से भर गया वह ईनाम लेने स्टेज पर गया। उसने सबका आभार व्यक्त किया अब सभी स्कूल स्टाफ व छात्र अनुज की योग्यता के कायल हो गये स्कूल में अब उसका सम्मान बढ़ गया था ।
प्रस्तुति –नरेश छाबड़ा आवास-विकास रूद्रपुर
8630769754

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