
श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चंद्र चमोला ने युवाओं तथा आम जनमानस से विनम्र निवेदन करते हुए अपील की है कि पुराने साल की विदाई और नये साल के सुआगमन पर किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन करके खुशी का इजहार ना करें। नशीले पदार्थों का सेवन करने से कभी भी आनन्द की प्राप्ति नहीं हो सकती है। अपने आप को इस तरह के विचार से प्रेरित करें कि,रोकनी होगी नशे की आदत,सबको आगे है आना,नशा है एक बुरी लत,हमें नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड है बनाना। पुराने साल की विदाई देते हुए अपने कार्यों व लक्ष्यो का मूल्यांकन करें। नये साल के सुआगमन में दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ अपने उच्च चरित्र को ले करके नये कीर्तिमान स्थापित करने का संकल्प लें। युवा शक्ति ही समाज की सबसे महत्वपूर्ण आधारशिला है। युवा वर्ग में इस तरह की असीम शक्ति निहित रहती है कि वे देश और समाज को नई दिशा की ओर इंगित कर सकते है। जितने भी आदर्श और नैतिक मान्यताएं हैं। यूवा वर्ग उन सभी मान्यताओं का प्रतीक है। युवा वर्ग असीम शक्ति का पुन्ज है। देश को पराधीनता से मुक्त कराने में युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसका इतिहास गवाह है। युवा शक्ति की महत्ता को इस प्रकार से उजागर किया गया है। यह देखो इतिहास के शुभ्र पृष्ठ पर,किस लोगों से लिखी अमर गाथाएं सारी,किस रक्त ने स्वतंत्रता को अर्घ्य दिया है,किस पीढ़ी ने सींची है राष्ट्र की फुलवारी,इन सारे प्रश्नों का एक ही उत्तर है। युवा रक्त ने,युवा पीढ़ी ने,किसी देश और किसी काल की गवाही ले लो,युवा वर्ग ने ही मानवीय मूल्यों को सम्मान की मालाये पहनाईं हैं। अन्याय शोषण और उत्पीड़न के खंडहरों पर युवा हाथों ने ही आजादी का परचम लहराया है। हर चुनौती के उत्तर में युवा शक्ति ने यही दोहराया है। सरफरोशी की तमन्ना,अब हमारे दिल में है,देखना है जोर कितना,बाजुए कातिल में है। आज बड़ा चिंतन वह दुखद पहलू है इस बात का है कि हमारी ताकत,युवा शक्ति पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर होकर नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। जिसके कारण कुंठा के शिकार युवा अपनी असीम शक्ति का क्षय करके अपने अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगा रहें हैं। जिसके कारण उनमें धैर्य,आत्म संयम,सहन शीलता,कठोर परिश्रम जैसे महत्वपूर्ण गुण समाप्त होने लगे हैं। आम जनमानस का यह प्रयास होना चाहिए कि युवाओं को उनकी शक्ति का बोध कराने में भरपूर सहयोग प्रदान करे। दिव्य महा विभितूतियों के विचारों से उन्हें प्रेरित करें। उदाहरण के लिए,जैसे-स्वामी विवेकानंद द्वारा दिया गया उद्घोष-उठो जागो और तब तक मत रुको,जब तक अपने लक्ष्य तक न पहुंच जाओ समय-समय पर देश के महापुरुषों से संबंधित प्रदर्शनी को लगाते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगाने के लिए भी हमें प्रतिबद्ध रहना चाहिए। आओ हम सब मिल जुल कर नशा मुक्त गांव नशामुक्त शहर नशा मुक्त आसपास का वातावरण बनाने का संकल्प लेते हुए नूतन वर्ष 2025का अभिनन्दन करते हुए नशा उन्मूलन प्रतिज्ञा का उद्घोष करें। हम अपने जीवन में कभी किसी तरह का नशा नहीं करेंगे। साथ ही आसपास जन समाज को नशा मुक्त बनाने का निरंतर प्रयास करेंगे। हमारा प्रयास नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड रहेगा।










                        
              