
बैंक ने संतुलित वृद्धि और सुदृढ़ आस्ति गुणवत्ता के साथ परिचालन क्षेत्र में किया बेहतर प्रदर्शन, तिमाही परिचालनगत लाभ में हुई वर्ष दर वर्ष आधार पर 15% की वृद्धि


परिचालनगत लाभ में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 15% की वृद्धि दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष’26 की पहली तिमाही में 8,236 करोड़ रुपये रहा।बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के ₹4,458 करोड़ के सापेक्ष वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ₹4,541 करोड़ का निवल लाभ रिपोर्ट किया है।गैर-ब्याज आय में 88% वार्षिक वृद्धि की वजह से परिचालन लाभ में वृद्धि हुई, जो कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 4,675 करोड़ रुपये हो गया।गैर-ब्याज आय मुख्यत: ट्रेजरी आय में 7 गुना वृद्धि के कारण 2,226 करोड़ रुपये रही।परिचालन आय में स्थिर वृद्धि और परिचालन व्यय में नियंत्रित बढ़ोत्तरी के कारण लागत-आय अनुपात में वर्ष-दर-वर्ष 30 बीपीएस की कमी आई, जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 48.87% रहा।आस्ति पर प्रतिफल (आरओए) 1% से ऊपर और वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 1.03% रहा।इक्विटी पर प्रतिफल (आरओई) वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 15.05% रहा।वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में वैश्विक निवल ब्याज मार्जिन (एनआईएम) 2.91% रहा, जबकि घरेलू एनआईएम 3.06% रहा।बैंक ने सुदृढ़ आस्ति गुणवत्ता बनाए रखी है और वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में सकल एनपीए (GNPA) में वार्षिक आधार पर 60 बीपीएस की कमी के साथ 2.88% से 2.28% के स्तर पर आ गया।बैंक का एनएनपीए (NNPA) भी वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में वार्षिक आधार पर 9 बीपीएस की कमी के साथ 0.60% पर आ गया जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में 0.69% था।टीडब्लूओ के साथ 93.18% और टीडब्लूओ के बिना 74.04% के प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) के साथ बैंक ऑफ़ बड़ौदा की बैलेंस शीट सुदृढ़ बनी हुई है।वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में ऋण लागत 0.75% से कम 0.55% के स्तर पर बनी हुई है।रिटेल लोन बुक में वृद्धि के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष’26 की पहली तिमाही में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के वैश्विक अग्रिमों में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 12.6% की वृद्धि दर्ज की गई और घरेलू अग्रिमों में 12.4% की वृद्धि हुई।मॉर्गेज ऋण (18.6%), ऑटो ऋण (17.9%), गृह ऋण (16.5%), शिक्षा ऋण (15.4%) जैसे क्षेत्रों में अच्छी वृद्धि के कारण बैंक के ऑर्गेनिक रिटेल अग्रिमों में 19.5% की वृद्धि दर्ज की गई।अग्रिमों में रिटेल, कृषि ऋण और एमएसएमई ऋण (आरएएम) की हिस्सेदारी वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 300 बीपीएस अंकों से बढ़कर 62.7% हो गई। वित्त वर्ष’26 की पहली तिमाही में रिटेल, कृषि ऋण और एमएसएमई ऋण (आरएएम) पोर्टफोलियो में 18% की वृद्धि दर्ज की गई।






