देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। शिक्षा और विशेष रूप से संस्कृत शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए चारों तरफ हाथ पैर मार रहे सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल की दिव्य दृष्टि अब उत्तराखंड के मशहूर व्यवसायी ग्रुप ओबेरॉय ग्रुप पर पड़ी है। सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल के निमंत्रण पर उत्तराखंड के मशहूर व्यवसायी ग्रुप ओबेरॉय ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य अमरीश ओबेरॉय ने उनके कार्यालय में शिष्टाचार भेंट कर आवश्यक विचार विमर्श किया। इस दौरान सहायक निदेशक डॉक्टर घिल्डियाल ने कहा कि रतन टाटा,बाबा काली कमली,डालमिया जैसे मशहूर व्यवसायियों ने यदि बिजनेस में कार्य किया तो उसका कुछ अंश धर्म क्षेत्र पर भी अवश्य व्यय किया इसलिए उनका नाम इतिहास में अमर रहेगा। सहायक निदेशक ने कहा कि उनकी दृष्टि में ओबेरॉय ग्रुप यदि संस्कृत शिक्षा को तन,मन,धन से संरक्षण प्रदान करें तो इस समय सरकार जिस प्रकार से द्वितीय राजभाषा के प्रति गंभीर है उसमें बहुत बड़ी मदद मिलेगी। उन्होंने सहायता के पहले चरण में ग्रुप से इसके लिए संस्कृत शिक्षा में कुछ विद्यालय खोलने का भी आग्रह किया। ओबेरॉय ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य अमरीश ओबेरॉय ने सहायक निदेशक डॉक्टर घिल्डियाल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें पुष्पगुच्छ एवं भारत माता का चित्र भेंट करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में जो भी शिक्षा और संस्कृत शिक्षा के लिए उचित होगा वह करेंगे उनके पास जो भी संसाधन है,उनका सदुपयोग हो यह उनकी भी इच्छा है। संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए नये विद्यालय खोलने एवं पुराने विद्यालयों को तमाम स्रोतों से मदद दिलाने के लिए सक्रिय अधिकारी और मशहूर व्यवसायी की इस मुलाकात को संस्कृत शिक्षा के विकास की दृष्टि से भविष्य के लिए अहम माना जा रहा है। आगे वक्त बताएगा कि इस मुलाकात के क्या परिणाम निकलते हैं।







