श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र के छात्र औद्योगिक प्रमाण पर हरिद्वार दिनांक 6 से 7 दिसंबर 2024 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तैयार किए गए नवीन पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने के रूप में बीए पंचम सेमेस्टर अर्थशास्त्र के 29 छात्रों ने सिडकुल हरिद्वार स्थित हीरो मोटोकॉर्प का एक शैक्षिक-औद्योगिक भ्रमण किया। इस भ्रमण का उद्देश्य औद्योगिक प्रक्रियाओं और प्रबंधन की व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था। भ्रमण के दौरान हीरो मोटोकॉर्प हरिद्वार के मानव संसाधन प्रबंधक मनोज ढोडियाल ने छात्रों को हीरो मोटोकॉर्प के विभिन्न विभागों से अवगत किया और कंपनी की संचालन संरचना,उत्पादन तकनीकों और प्रबंधन रणनीतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। इस व्यावहारिक अनुभव ने छात्रों को आर्थिक सिद्धांतों और सिद्धांतों के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझने में मदद की,जिससे कक्षा में सीखी गई बातों और वास्तविक दुनिया के अनुभवों के बीच का अंतर कम हुआ। यह भ्रमण एनईपी 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है,जो व्यावहारिक शिक्षा और उद्योग-शिक्षण सहयोग को बढ़ावा देता है,ताकि छात्रों को पेशेवर चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके। पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में,छात्र अपने अवलोकन और सीखने पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे और जमा करेंगे,जो उनके पाठ्यक्रम मूल्यांकन में शामिल होगा। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो.एम.सी.सती ने औद्योगिक भ्रमण में सक्रिय भागीदारी के लिए संकाय टीम और छात्रों की सराहना की। उन्होंने कहा,इस प्रकार की पहल हमारे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए आवश्यक है,ताकि वे बदलते आर्थिक परिदृश्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। हीरो मोटोकॉर्प का दौरा उद्योग की तैयारी और अनुभवात्मक शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस भ्रमण से उद्योग-शिक्षण सहयोग को मजबूत करने के लिए एक मूल्यवान प्रयास बताया और हीरो मोटोकॉर्प,हरिद्वार का छात्रों की मेजबानी करने और उन्हें यह समृद्ध अनुभव प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। यह भ्रमण विभाग के उस प्रयास में एक मील का पत्थर है,जो शैक्षणिक ज्ञान को व्यावहारिक अनुभव के साथ जोड़ता है और एनईपी 2020 के तहत समग्र शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है। औद्योगिक भ्रमण का आयोजन प्रो.प्रशांत कंडारी,डॉ.हीरण्यमय रॉय,डॉ.चंद्रशेखर अर्थशास्त्र विभाग के नेतृत्व में किया गया।