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गौलापार के बागजाला क्षेत्र में वन विभाग की लीज भूमि पर बसे निवासियों के एक शिष्टमंडल ने देहरादून जाकर वन मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की और वन विभाग द्वारा उन्हें अतिक्रमणकारी बताकर बार-बार दिए जा रहे हैं नोटिस के संबंध में अवगत कराया।जिसमें कहा गया है कि गौलापार का बागजाला क्षेत्र आजादी से पूर्व में बसा हुआ एक गांव है जो कि पर्वतीय समाज बाहुल्य गांव है। इस गांव को यह भूमि वर्ष लीज के तौर पर 1978-79 में 90 वर्षों की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने आवंटित की थी।मगर अब वन विभाग उन्हें अतिक्रमणकारी बताकर बार-बार नोटिस दे रहा है जिससे कि इस क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।मामले की गंभीरता को समझते हुए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ से दूरभाष पर वार्ता करते हुए निर्देशित किया कि उक्त क्षेत्रवासियों को बार-बार नोटिस नहीं दिए जाएं और बागजाला क्षेत्र के लोगों के साथ एक समन्वय बनाकर बैठक करें साथ ही जो लोग लीज पर रह रहे हैं उनके नवीनीकरण को लेकर आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जाए और उन्हें अतिक्रमणकारी कहना बंद किया जाए क्योंकि यह लोग वर्षों से उक्त भूमि पर लीज धारक के तौर पर आवासीय भवन बनकर रह रहे हैं।
वहीं तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें निर्देश प्राप्त हुए हैं कि उक्त क्षेत्र के लोगों के साथ समन्वय स्थापित कर विधि सम्मत नवीनीकरण की प्रक्रिया अमल में लाई जाए जिस पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।वन मंत्री से मिलने वाले शिष्टमंडल में मुख्य रूप से बागजाला निवासी इन्दर पाल आर्या, राजेंद्र प्रसाद आर्य, दीवान राम आर्य, जगदीश आर्य, विजय राज आदि शामिल रहे।

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