श्रीनगर गढ़वाल। विकास खण्ड खिर्सू के अन्तर्गत राजकीय इंटर कॉलेज सुमाड़ी के शिक्षक एवं नशा उन्मूलन प्रभारी पौड़ी जनपद के अखिलेश चन्द्र चमोला होंगे शिक्षा श्री सम्मान से सम्मानित आपका कार्यों के प्रति निष्ठा समर्पण व्यक्ति को निश्चित ही सफलताओं का मार्ग प्रशस्त करता है। बस आवश्यकता है कर्म करते रहो,फल की इच्छा मत करो। आपके कार्यों की सुगन्ध निश्चित ही आपके व्यापक प्रचार प्रसार का द्योतक बन जाती है। यदि यह कहा जाय इस तरह की उक्ति राजकीय इण्टर कॉलेज सुमाड़ी में हिंदी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला के सन्दर्भ में चरितार्थ होती है। चमोला अपने शैक्षिक नवाचार के नित नये अनुप्रयोगों के कारण राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय क्षितिज पर अपने आप को स्थापित किया है। शिक्षा में किये गये योगदान पर हम दृष्टि डालते हैं तो देखते हैं कि इनके द्वारा लिखी पुस्तक शैक्षिक नवाचार क्रियात्मक शोध नैतिक बोध कथायें भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम बहुत ही लोकप्रिय रही। जिसकी अनुशंसा शिक्षा अधिकारियों तथा शिक्षा मंत्री द्वारा भी की गई। बतातें चलें कि युवाओं में भारतीय संकृति के बीज रोपित हों,वे संस्कार हो इस लक्ष्य को लेकर भावी पीढ़ी की ये पुस्तके निशुल्क वितरित की गई। आज साहित्य,विद्या में प्रेरणा दायिनी साहित्य का सृजन करने पर इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रेरणा दायिनी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में जाना जाता है। दर्जनों राष्ट्रीय संकलनों में इनके प्रेरक प्रसंग प्रकाशित ही चुके हैं। महत्वपूर्ण साहित्य सृजन करने पर चमोला 500 से अधिक राष्ट्रीय सम्मानोपाधियों से सम्मानित हो चुके हैं। उत्कृष्ट लेखन कार्य करने पर विक्रमशिला हिंदी विद्या पीठ गाँधी नगर भागलपुर द्वारा इन्हें अकादमिक विद्वत परिषद में बतौर सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा भूषण,शिक्षा शिल्पी,शिक्षा रत्न,शिक्षा विशेषज्ञ,जिलाधिकारी रजत प्लेट,मुख्यमंत्री पुरस्कार,राज्यपाल पुरस्कार,अन्तराष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार आदि अनेको पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। इन्होंने नगर निगम श्रीनगर गढ़वाल द्वारा प्रकाशित बैकुण्ठ चतुर्दशी विकास प्रदर्शनी मेला नामक स्मारिका का भी कई वर्षों तक सम्पादन किया है। विद्यार्थी जीवन से ही होनहार छात्रों के रूप में इनकी भूमिका रही। केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल द्वारा कला निष्णात में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर इन्हें स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया गया है। भावी पीढ़ी नशीले पदार्थो से दूर रहे इनके द्वारा नशा उन्मूलन की मुहिम भी चलाई जाती है। इनके द्वारा नशा उन्मूलन के क्षेत्र में बेहतर व उत्कृष्ट कार्य करने पर इन्हें शिका विभाग जनपद पौड़ी गढ़वाल द्वारा नशा उन्मूलन का दायित्व दिया गया। जिसमे इनके द्वारा लिखी मौलिक प्रतिज्ञा का भी सप्ताह में एक दिन सम्पूर्ण जनपद विद्यालय पौढ़ी के विद्यालयों में प्रार्थना सभा में कहने के आदेश जारी किये गये। अभी हाल ही में उत्तराखण्ड सरकार की मुहिम “नशा मुक्त गांव-नशा मुक्त शहर-नशा मुक्त” आस पास का वातावरण की मुहिम को साकार रूप देने के लिए शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा इन्हें अपने अध्यापन कार्य के अतिरिक्त मंडलीय नशा उत्मूलन नोडल अधिकारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। जिसका निर्हर्वन ये बड़े ही सुन्दर तरीके से कर रहे हैं। 26 वर्षों से ग्रामीण आंचलिक में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए अपने निजी व्यय पर बाल प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित करने का भी कार्य करते हैं। जो समाज शिक्षा पर्यावरण ज्योतिष के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं उन्हें भी मन्च देकर उन्हें भी अपने निजी व्यय पर सम्मानित करके अनुकरणीय कार्य करते रहते हैं। शिक्षा का उद्घघोष शिक्षा का नया सवेरा नामक संस्था द्वारा इनके कार्यो को रेखांकित करते हुए चमोला को 12 जनवरी 2025 को हरिद्वार विश्व विद्यालय कैनरल रोड रुड़की में भव्य आयोजित कार्यक्रम मे शिक्षा श्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। शिक्षा उद्घोष शिक्षा का नया सबेरा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्था है। जो सरकारी विद्यालयों में अध्यापन कार्य करने वाले उन शिक्षको को जो अपने अध्यापन कार्य करने के साथ साथ शिक्षा समाज सेवा संस्कृति पर्यावरण ज्योतिष साहित्य के क्षेत्र में बेहत्तर और उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।