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आज दिनांक 2 मई 2024 को गुरद्वारा श्री गुरू सिंह सभा, गदरपुर में गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी, नानकमत्ता साहिब के 15 सदस्य और सैकड़ों की गिनती में संगत पहुंची।
सबसे पहले संगत ने बाबा तरसेम सिंह के हत्याकांड में दर्ज किए गए केस में इलाके के सिख समाज के मुखिया लोगों को फसाने की निंदा की। शाहजहांपुर, पूरनपुर, सितारगंज, रुद्रपुर, किच्छा, गदरपुर, रामपुर, बिलासपुर, काशीपुर, बाजपुर, स्वार, नवाबगंज से सैकड़ों की गिनती में संगत एकत्र हुई।विशेषकर गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब के अध्यक्ष हरबंस सिंह चुघ जी के इस्तीफे को लेकर आज संगत एकत्र हुई और संगत ने इस विषय में अपने-अपने विचार प्रकट किये। अध्यक्ष हरबंस सिंह चौक जी के इस्तीफा के बाद गुरुद्वारा के उपाध्यक्ष श्रीमती कमलेश कौर माता जी द्वारा यह बताते हुए कि नानकमत्ता साहिब में बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद माहौल तनावपूर्ण है इसलिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष के इस्तीफा के बारे में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से मत लेने के लिए उन्हें एफिडेविट या लिखित रूप में अपना वोट करने के लिए कहा था और इसके लिए 27 अप्रैल 2024 को पत्र भी जारी किया था किंतु स्थिति उसे समय असमंजस की बन गई जब उसके अगले ही दिन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव अमरजीत सिंह भोपा राय द्वारा सभी कमेटी सदस्यों की एक बैठक गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में आमंत्रित कर ली गई जिसमें उन्होंने अपने पत्र को जारी करते हुए लिखा कि गुरुद्वारे के अध्यक्ष हरबंस सिंह जुग चुघ जी के इस्तीफा पर विचार करना है। इसको लेकर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ सदस्यों द्वारा उधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ईमेल के द्वारा एक पत्र भेज कर इस बैठक को रोकने के लिए कहा गया है और उन डायरेक्टर ने यह भी बताया है की बिना अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की सहमति के जनरल सेक्रेटरी प्रबंधक कमेटी की मीटिंग को नहीं बुला सकते क्योंकि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी नानकमत्ता साहिब के भाईलास के अनुसार किसी भी मीटिंग की अध्यक्षता प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष या प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष ही कर सकता है किंतु अमरजीत सिंह भोपा राय द्वारा कमेटी की बैठक को आमंत्रित करने के लिए प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष से कोई भी विचार विमर्श नहीं किया गया।
आज गदरपुर गुरुद्वारा में एकत्र हुई संगत ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरबंस सिंह चुघ जी को आदेश किया की संगत ने आपको गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार के रूप में 5 साल के लिए चुना है इसलिए आप अपना त्यागपत्र वापस लीजिए और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 15 डायरेक्टर के एफिडेविट के साथ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के डायरेक्टर ने सरदार हरबंस सिंह चुघ जी से अनुरोध किया कि वह अध्यक्ष पद पर अपनी सेवाएं देते हुए अपने कार्यकाल को पूरा करें।
सारी संगत ने प्रधान हरबंस सिंह चुघ जी का जोरदार समर्थन किया और बोला कि वह हर समय हर हालत में किसी भी हद तक प्रधान हरबंस सिंह चुघ जी के साथ खड़े हैं और उनको किसी भी कीमत पर अध्यक्ष पद से हटने नहीं देने दिया जाएगा। इसके साथ ही पहुंची हुई संगत ने गुरुद्वारे की स्टेज से सरकार को एक संदेश दिया है कि इस केस में किसी भी निर्दोष को ना फसाया जाए। उन्होंने यह भी कहा की डेरा कर सेवा नानकमत्ता से संबंधित कुछ सेवादार और उनसे जुड़े हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कुछ डायरेक्टर और नानकमत्ता साहिब क्षेत्र के कुछ छोटे भैया नेता गुरुद्वारा साहिब को के माहौल को खराब करके यहां पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को कामयाब नहीं होने देना चाहते पर आठ जिलों की संगत ऐसे लोगों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगी। आज की मीटिंग में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बहुत सारे डायरेक्टर भी मौजूद थे, जिन्होंने सारी संगत को गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 15 सदस्यों के एफिडेविट दिखाए और बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का बहुमत आपके इस्तीफे को नामंजूर करते हुए अपने एफिडेविट पहले ही उपाध्यक्ष/ पीठासीन अधिकारी को सौंप चुके हैं, और गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में आपको भी हम बताना चाहते हैं कि हम आपके त्याग पत्र देने से दुखी हैं और आपको बिनती करते हैं कि आप अपना त्याग पत्र वापिस लें इसके अलावाआज उपस्थित हुई सैकड़ों की संगत ने अपने हाथ खड़े करके गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष को अपने पद पर बने रहने के लिए विनती भी की और संगत ने आदेश भी किया, और प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष पद से दिए गए त्याग पत्र को वापस लेने के लिए “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों से आह्वान किया गया। सारी संगत के जोरदार तरीके से कहने पर हरबंस सिंह चुघ जी संगत की आज्ञा को मानते हुए अपना इस्तीफा वापिस लेने के लिए अपनी सहमति दी और सारी संगत ने जयकारों के साथ हरबंस सिंह चुघ का धन्यवाद किया और खुशी जाहिर की।
संगत ने सरकार से भी बार बार अनुरोध किया कि ऐसे चंद मुट्ठी भर लोगों को नजर अंदाज करते हुए सिख संगत की भावनाओं के अनुसार ही काम किया जाए और इस बात को सुनिश्चित करें कि गुरद्वारों में किसी प्रकार से संगत के अलावा किसी और का हस्तक्षेप न हो।संगत में कई इलाकों से पहुंची संगत में सलविंदर सिंह कलसी, दलजीत सिंह, रणजीत सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर, हरी सिंह, नरेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह, सतनाम सिंह, मलकीत सिंह बाजवा, परमजीत सिंह, सूरत सिंह, दर्शन सिंह, अमनदीप सिंह, प्रताप सिंह, बलजीत सिंह,गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के निम्नलिखित सदस्य मौजूद थे। कमलेश कौर, वजींदर सिंह, प्रतपाल सिंह, जसबीर सिंह, निर्मल सिंह, पलविंदर सिंह, चरनजीत सिंह, गुरसेवक सिंह, सुखदेव सिंह, भूपेंदर सिंह, गुरमीत सिंह, हरजिंदर सिंह, गुरमुख सिंह और इनके अलावा गुरबाज सिंह, और कुलदीप सिंह पन्नू जी ने भी अपना एफिडेविट दिया।

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