पेड़ हमारी प्रकृति का श्रृंगार है आजकल देश के नगरों में जहा से कहीं देखो वही तापमान में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है जिसका कारण हम अपने पर्यावरण का ध्यान रखने लापरवाही बरत रहे हैं जिसके कारण जलवायु में परिवर्तन होता साफ दिख रहा है सदा बर्फ़ से ढके ग्लेशियर पिघल रहे हैं अतिवृष्टि, बाढ़ भूकंप जैसी आपदाओं से मनुष्य को दो-चार होना पड़ रहा है कहीं ज्वालामुखी विस्फोट से कार्बन विसर्जन,जलवायु परिवर्तन से रेमल व ताउते जैसे तूफ़ानी विक्षोभों का आना ग्रीन हाउस गैसों की रिहाई न होना आदि तापमान बढ़ने के कारण बन पड़ रहें हैं आजकल जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास नष्ट होने व विकास होने के नाम पर आवास छिनने के कारण भूख -प्यास से परेशान जानवर नगरों- गांवो में प्रवेश कर रहे हैं जिससे मानव-पशु संघर्ष बढ़ रहा है जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग से बचने केलिए हमें नित नये वृक्ष लगाने चाहिए व उनकी देखभाल करना भी उतना ही जरूरी है ये वृक्ष भगवान शिव के समान है कार्बन रुपी विष को ग्रहण कर आक्सीजन रूपी अमृत हमें प्रदान करते हैं ये वृक्षों का हम पर महा-उपकार है वृक्ष हमारे लिए हरा सोना है जीवन प्रदाता है जो उघोगो के लिए कच्चा माल ,ईंधन ,मानसून प्रदाता फ़ल सब्जियां,फर्नीचर, औषधियां देने वाले व पराबैंगनी किरणों को रोक त्वचा के भीषण रोगों से बचाते है वृक्ष प्राकृतिक रूप से जल फिल्टर है जो सभी तरह के प्रदूषणो को रोकने में सक्षम होते हैं ये वन- वनवासी,व जन-जातियो के प्राकृतिक घर है पर्यावरण को बचाने के लिए हमें नित नये वृक्ष लगानें चाहिए व उनकी निरन्तर देखभाल करनी व आग से जंगलो को बचाना चाहिए जिससे दुर्लभ पौधों व जीव जन्तुओं व मृदा की रक्षा हो सके जिससे आने वाली भावी पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित हो सके जब हर तरफ मनभावन हरियाली होगी तभी भीषण गर्मी से छुटकारा मिल सकेगा