गदरपुर । देश और धर्म की खातिर दिल्ली के चांदनी चौक में अपना बलिदान देने वाले श्री गुरु तेग बहादुर जी के प्रकाश पर्व पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए । नजदीकी ग्राम केसरपुर के गुरुद्वारा सिंह सभा में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भाई मोहन सिंह द्वारा अरदास एवं स, अमरजीत सिंह द्वारा हुकमनामा सुनाकर किया गया।इस दौरान संगत द्वारा शब्द कीर्तन एवं केक काटने के साथ प्रसाद वितरण किया गया।सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आयोजक देवेंद्र सिंघ ने बताया कि गुरु तेग बहादुर जी का जन्म श्री अमृतसर में पिता गुरु हरगोबिंद साहिब जी एवं माता नानकी जी के परिवार में हुआ। धार्मिक शिक्षा दीक्षा के उपरांत करतारपुर की जंग में इनके द्वारा दुश्मन का मुकाबला करते हुए जीत हासिल की तो पिता ने इनका नाम त्यागमल से बदलकर तेग बहादुर कर दिया गुरु गद्दी पर बैठने के उपरांत क्षेत्र में धर्म प्रचार करते हुए वे पूर्व देशों की यात्रा पर गए जहां आसाम के दो राजाओं का विवाद सुलझा कर उनमें समझौता कराया जहां आज गुरुद्वारा धोबड़ी साहब स्थापित है गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना साहिब से होकर वे पंजाब पहुंचे जहां आनंदपुर साहिब नगर बसाया । कश्मीर के पंडितों की फरियाद पर औरंगजेब के धर्म तब्दीली के फरमान से निजात दिलाने के लिए दिल्ली पहुंचकर अपनी शहादत दी जहां आज गुरुद्वारा शीशगंज स्थित है। इससे पूर्व भाई मतिदास,सती दास एवं दयाला जी द्वारा भी अपनी शहादत दी गई,उनकी शहादत से देश में एक जागृति पैदा हुई जिससे जुल्म एवं भय का शासन कर रहे मुगल राज्य का अंत करने के लिए लोगों को भय मुक्त शासन की आवश्यकता हुई।गुरू बहादुर जी के प्रकाश दिवस पर संगत ने एक दूसरे को शुभकामनाएं प्रदान कीं। इस मौके पर अंमृत कौर,
परमजीत कौर,गगनदीप कौर, बलजीत कौर,रजवंत कौर, मनजीत कौर,परमजीत कौर, मनप्रीत कौर,हरगुन,गुरजोत, रबदात सिंह,कीरत,सीरत, गुरलीन,कुलवंत कौर,बलदीश कौर,अगम कौर,गुरजस,इश्मन,जगपरीत कौर,हरलीन, हर्षदीप कौर,सीमा,रोहन, अंतरा,गुरसीरत,बलजीत कौर रजवंत कौर,गुरजीत,गुरुसिमर
सहित तमाम संगत शामिल रही ।