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परिवार की मंगल कामना के साथ डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य एवं की आतिशबाजी
गदरपुर। पूर्वांचल संस्कृति की छठा गत दिवस छठ पर्व पर देखने को मिली। छठ पूजा के पहले दिन नगर व क्षेत्र में श्रद्धालु महिलाओं व्रत रखकर सायं गूलरभोज रोड़ स्थित छठ पूजा स्थल पर जाकर ढलते सूर्य को प्रणाम कर जल का अघर्य दिया। इस दौरान जमकर आतिशबाजी भी की गयी। वही महिलाओं का कहना था कि वैसे तो लोग उगते हुए सूर्य को प्रणाम करते हैं, लेकिन छठ पूजा एक ऐसा अनोखा पर्व है जिसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अआराधना से होती है। संक्षेप शब्द षष्ठी से आता है, जिसका अर्थ छः है, इस लिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है। घर-परिवार की सुख-समृद्धि और आरोग्यता के लिए छठ पूजा का व्रत जुड़ा हुआ है। इस व्रत का मुख्य उद्देश्य पति, पत्नी, पुत्र,पौत्र सहित सभी परिजनों के स्वास्थ्य की मंगल कामना करना है। छठ का व्रत मानसिक शांति भी प्रदान करता है। छठ के दौरान हवा का नियमित प्राणिक प्रवाह गुस्सा, ईषर्या और अन्य नकारात्मक भावनाओं को कम करने में मदद करता है। हमारे देश में सूर्य उपासना के कई प्रसिद्ध लोकपर्व हैं जो अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाये जाते है। वहीं यह पर्व ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम अलखदेवी, बकैनिया,गोपालनगर, सुखशांतिनगर,आर्यनगर, नंदपुर, केशवगढ, कुलवंत नगर सूरजपुर सकैनिया आदि ग्रामों में भी बडी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय विधायक अरविन्द पांडेय ने लोगों छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनायें दी। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष गुलाम गौस, भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा,किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश हुड़िया, एडवोकेट संतोष गुप्ता, राजीव पपनेजा, सतीश मिढ्ढा, पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश भुड्डी, पूर्व सभासद मनोज गुम्बर मिन्टू,तारिक उल्ला खाॅ,लवली हुड़िया, सुरेश खुराना, गौतम पपनेजा,सूर्यभान गुप्ता,रजत हुड़िया,सुभाष गुम्बर, पप्पू मेहरा, सन्नी बत्रा, संजीव गांधी, जय प्रकाश सिंह, जितेन्द्र दूबे, सोनू वर्मा, पयूष वर्मा, महिलाओं में पूर्व पालिकाध्यक्ष अंजू भुड्डी, शकुन्तला वर्मा, रिचा पपनेजा, रेनू गुप्ता, शिल्पा, अंकिता, पिंकी, पुष्पा, वन्दना, रिया गुम्बर, साधना, ज्योति, प्रकाश, विरजावती देवी, सहित काफी संख्या महिलाएं मौजुद थीं।

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