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उत्तराखण्ड क्रांति दल के केंद्रीय महामंत्री सुशील उनियाल केंद्रीय महामंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पेयजल निगम में वर्ष 2005, 2007 एवं 2012-2013 में सहायक अभियंताओं की भर्ती की गई थी, जिसमे घोर अनियमितताएं हुई है।वर्तमान में समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि पेयजल निगम द्वारा वर्ष 2012, 2013 एवं 2014 में अन्य लोंगों को भी नियम विरूद्ध नियुक्त किया गया है जिसमें किसी महिला अभ्यर्थी द्वारा आरक्षण प्राप्त करने हेतु आवेदन करते समय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्गत किया गया जाति प्रमाण पत्र आवेदन के साथ संलग्न कर दिया गया था, लेकिन चयन हेतु जो अभिलेख दिये गये उसमें उत्तराखण्ड सरकार द्वारा निर्गत किया गया जाति प्रमाण पत्र देकर आरक्षित पद पर नियुक्ति हासिल की, एंेसे में सम्बन्धित महिला पर षडयंत्र कर नियुक्ति हासिल करने की कार्यवाही करने का कष्ट करें एवं जिस चयन समिति नें गलत अभिलेखों का सत्यापन कर महिला का आरक्षित पद पर चयन किया इसप्रकार अपराधिक कृत्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।ऐसा प्रतीत होता है कि पेयजल निगम के वर्तमान मुख्य अभियंता (मुख्यालय) जो सहायक अभियंता पद के नियुक्त प्राधिकारी हैं के द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडी जाति, महिला आरक्षण एवं खिलाडियों को दिये गये आरक्षण सहित अन्य सभी तरह के आरक्षणों के माध्यमों से नियुक्तिधारी अन्य प्रदेशों के पेयजल निगम में कार्यरत सभी लोंगो के प्रमाण पत्रों की जाँच एवं आवश्यक कार्यवाही को जानबूझकर लंबित किया जा रहा है, अतः प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही करवाने हेतु आदेश जारी करने का कष्ट करें, जांच पूर्ण होने तक मुख्य अभियंता मुख्यालय एवं महाप्रबन्धक प्रशासन को पेयजल निगम मुख्यालय से अन्यत्र स्थानान्तरण करने का कष्ट करें।
अवैध भर्ती प्रकरण पर उत्तराखण्ड शासन के पेयजल अनुभाग ने अपने पत्र – 1376/उन्तीस(1)/2020-(13 अधि0)2020 दिनांक 24.12.2020 स्पष्ट निर्देश दिये थे कि वर्ष 2005, 2007 में जिन सहायक अभियंताओं की भर्ती में बाहरी प्रदेशों के लोगों को आरक्षण का लाभ दिया गया है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये।
खेदजनक है कि इस प्रकरण पर भी पेयजल निगम प्रबन्धन द्वारा अवैध नियुक्तिधारी चार अभियंताओं श्रीमती सरिता गुप्ता उत्तर प्रदेश की निवासी एवं श्री मुनीश कुमार करारा, श्री सुमित आनंद तथा श्री मुज्जमिल हसन पर ही कार्यवाही की, लेकिन नियम विरूद्व भर्ती श्रीमती मृदुला सिंह, श्रीमती मिशा सिंहा, श्रीमती नमिता त्रिपाठी, श्रीमती पल्लवी कुमारी, जो उत्तर प्रदेश व बिहार राज्य की निवासी हैं उन पर कोई कार्यवाही नही की गयी, जो राज्य की महिलाओं के हितों पर कुठारघात है, साथ ही राज्य सरकार की छवि को भी धूमिल करने का षढयंत्र प्रतीत होता है। इसलिये राज्य हित में इनके खिलाफ उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।अतः उत्तराखंड क्रांति दल आपसे विनम्र अनुरोध है कि पेयजल निगम में नियम विरूद्ध भर्ती सहायक अभियंताओं एवं सम्बन्धित दोषियों के खिलाफ जनहित में उचित कार्यवाही कर, इन अवैध नियुक्ति धारियों को सेवा मुक्त/बर्खाश्त करने का स्पष्ट आदेश जारी करने का कष्ट कीजियेगा

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