गदरपुर । संयुक्त मजिस्ट्रेट आशिमा गोयल द्वारा बृहस्पतिवार को नगर पालिका के ईओ एवं पालिका कर्मियों, राजस्व विभाग तथा पुलिसकर्मियों की टीम के साथ वार्ड नंबर 1 और 11 में ठंडी नदी के दोनों किनारों पर अवैध रूप से बसे परिवारों से आवासीय भूमि के कागजातों की जानकारी ली । इस क्षेत्र में रहने वाले परिवारों ने बताया कि वे पिछले लगभग 40 वर्ष से निवास कर रहे हैं । संयुक्त मजिस्ट्रेट आशिमा गोयल ने कहा कि ठंडी नदी किनारे आवास बनाकर रहने वाले लोगों से भूमि संबंधी कागजात मांगे जा रहे हैं । कोई भी आवास सरकारी भूमि में बना पाया जाएगा तो उन पर कार्यवाही की जाएगी इस दौरान ज्योति डरियाल,सतपाल सिंह सहित पुलिसकर्मी शामिल रहे।
कुछ वर्ष पूर्व एक अधिवक्ता द्वारा अवैध रूप से ठंडी नदी के दोनों को किनारो पर बसे लोगों से भूमि मुक्त कराकर नदी को दुरुस्त किए जाने की मांग हेतु न्यायपालिका में एक रिट दायर की थी जिसके बाद कई बार प्रशासनिक टीमों द्वारा सर्वे किए जाने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई जिस कारण ठंडी नदी अतिक्रमण से सिकुड़ कर नाले का रूप धारण कर गई है बरसात के दिनों में संकरी होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती जिससे लोगों के घरों में पानी घुसकर नुकसान पहुंचाता है वही लगभग 40 वर्ष पूर्व इसी ठंडी नदी की चौड़ाई बहुत अधिक थी और लोग इसमें नहाते और कपड़े धोते थे इस ठंडी नदी का पानी जो कि अब इतना गंदा हो चुका है पीने लायक भी नहीं है पीपली जंगल में बसे लोग एवं जानवर इसी ठंडी नदी के पानी का प्रयोग करते थे वहीं नगर पालिका द्वारा नदी के किनारे बसे लोगों को 12-12 हजार रुपए शौचालय बनाने के लिए भी दिए गए थे परंतु लोगों ने शौचालय का गड्ढा ना बनाकर सीधे नदी में ही गटर के मुंह खोल दिए । इधर मुक्तिधाम शमशान घाट में भी अंतिम संस्कार के उपरांत मृतकों के अवशेष इसी गंदी हो चुकी ठंडी नदी में बहाए जाते हैं कई बार लोगों द्वारा शिकायत किए जाने के बावजूद ठंडी नदी की पूर्ण रूप से सफाई एवं टचिंग तक नहीं की जा सकी है जिससे लोगों में रोष बना हुआ है । नदी के किनारे बसे लोगों से वार्ता करने पर उन्होंने कहा कि उनके द्वारा में जमीन खरीदी गई है ना कि अतिक्रमण किया गया है । बिजली और पानी के कनेक्शन भी है। अब बेचने वाले कौन है ? यह प्रशासन जाने वहीं लोगों ने अतिक्रमण हटाने से पूर्व उन्हे अन्यत्र बसाने की भी मांग की है ।