आज केंद्र सरकार द्वारा अंतरिम बजट 2024 पेश होने पर पूर्व राज्य मंत्री श्रीमती इंदु मान ने कहा कि सरकार द्वारा पेश किया गया बजट आम जनता की पहुंच से बहुत दूर है बजट में कर्मचारियों के पेंशन बहाली पर किसी भी प्रकार की बात नहीं की गयी, हालांकि ‘कारपोरेट टैक्स’ में लगातार छूट देकर पूंजीपतियों का करोड़ों रुपए माफ करने वाली सरकार ने उनका पूरा ध्यान रखा है। उधर साधारण जनता पर टैक्स का वजन कम न करके उनकी जेब काटने का काम किया है।
देश की सबसे बड़ी समस्या ‘महंगाई’ एवं ‘बेरोजगारी’ पर सरकार ने पूर्ण चुप्पी साधी है। बजट में देश के अन्नदाताओं (किसानों),परिवार की रीड की हड्डी (महिलाओं) एवं देश का भविष्य (युवाओं) की पूर्ण तरह से उपेक्षा की गई है।
पीसीसी सदस्य इंदु मान ने कहा कि कुल मिला कर बजट में आम जनता की जेब काटने और झूठे जुमले सुनाने के अलावा और कुछ भी नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश की उन्नति वहां की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर निर्भर करती है अतः इस बजट में शिक्षा, चिकित्सा एवं सेना का बजट बढ़ाने के बजाय इन विषयों को बिल्कुल दरकिनार किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्री का यह कहना कि “आमदनी बढ़ी है और महंगाई ज्यादा नहीं बढ़ी है” बहुत ही निंदनीय एवं शर्मनाक बयान है।
उन्होंने कहा कि बजट में मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया की सफलता या विफलता पर कोई जिक्र नहीं हुआ। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदा एवं उत्तराखंड के जोशीमठ आपदा पैकेज बजट से नदारत रहे।
श्रीमती इंदु मान ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पूर्व आने वाला बजट देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था परंतु उसको बहुत ही उपेक्षा पूर्ण तरीके से पेश किया गया है जो कि देश की जनता की उपेक्षा है तथा देश की उन्नति के लिए नकारात्मक कदम है।