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अग्निकांड में गोदामों के सबसे नजदीक वृद्धा गीता देवी का मकान था, जो कि अग्निकांड में बुरी तरह से चपेट ने आ गया। उसमें वृद्धा द्वारा अपनी बेटी रूबी की शादी हेतु जुटाया सामान भी तहस नहस हो गया। नुकसान से बदहवास वृद्धा को जार जार रोता देख समाजसेवी सुशील गाबा आगे बड़े और उन्होंने हजारों रुपयों से भरा अपना पूरा पर्स वृद्धा को सौंप दिया, साथ ही शादी में भी हरसंभव मदद का वादा किया। इसके बाद एक और वृद्धा जगिया देवी आगे बड़ी, उसने जब यह कहा कि उसके पास तो रात के खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा, तो गाबा भी रुआंसे हो उठे क्योंकि उनके पास अब मदद देने के लिए फूटी कौड़ी भी नहीं थी। तभी गाबा की नजर पास खड़े जितेंद्र संधू पर पड़ी, तो सुशील गाबा ने उनसे एक हजार रूपए उधार लेकर दूसरी वृद्धा जगिया देवी को देकर मानवता का कर्तव्य निभाया।

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