सर्वप्रथम हमें अपने अन्दर की बुराइयों रूपी रावण का दहन करना चाहिए रावण पर श्री राम की विजय बताती है कि जब हम ईमानदारी से अपना लक्ष्य पाना चाहते है तो परिस्थितियां खुद व खुद अनुकूल हो जाती है लेकिन हमें बिना किसी दुर्भाव के हमें अपना लक्ष्य पाना चाहिए यह पर्व हमें सीखाता है कि हम संसार में किसी भी क्षेत्र में कितनी ही ऊंचाई पर क्यूं न पहुंच जाए हमें अंहकार नहीं करना चाहिए अंहकार से व्यक्ति में क्रोध व अभिमान बढ़ता है जो उसे ग़लत दिशा में ले जाता है वह भीड़ में अकेला हो जाता है उसका मानसिक सन्तुलन बिगड़ जाता है व तनाव में रहकर भ्रमित रहता है अंहकार ने जब पुलस्त्य ऋषि के पौत्र और विश्रवा त्रटषि के पुत्र परम शिव भक्त कुशल राजनीतिज्ञ ,प्रखर विद्वान, महाबलशाली रावण को भी नहीं छोड़ा तो साधारण मनुष्य की क्या बिसात है रावण की वीणा का संगीत सुनने मृग तक आ जाते थे परन्तु रावण ने किसी की नहीं सुनी वह अपने सर्वज्ञ होने के अंहकार के वशीभूत हो अपने आसपास के चापलूस लोगो की सुनता रहा और मनमानी करता रहा अपने परिवार का नाश कराता रहा शिव तांडव स्तोत्र,इंद्रजाल, अरूण संहिता,अंक प्रकाश, प्राकृत, कामधेनु, लंकेश्वर रावणीयम,जैसी पुस्तकों के विद्वान रचयिता स्वयं अतिलालसा व कामुकता के कारण स्त्री अस्मिता को भूलकर नारी का हरण किया परन्तु वही श्रीराम अपने भाई को साथ रख सबको साथ लेकर चलने वाले हैं व शीध्र ही अपने लक्ष्य पर पहुंच जाते हैं अवतार लेने के बाबजूद सहज, साधारण व सर्वसुलभ रहे यह सत्य कि जीवन में कोई छोटा या बड़ा नही होता सबकी अहमियत होती है ईश्वर ने भी उसे अपने किसी न किसी कार्य करवाने के लिए खास प्रयोजन के लिए उसे बनाया है व धरती पर भेजा है राम में कोई दुर्भाव नहीं बनवास से लौटने के बाद वह सर्वप्रथम माता कैकेई के कक्ष में उन्हें प्रणाम करने गये जिसकी आज्ञा व प्रस्ताव वनों को गये व वह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम बनकर लौटे वह मंथरा को भी माता व देवी की संज्ञा देकर सम्बोधित करते हैं वह हमेशा अंहकार शून्य रहे राम का व्यक्तित्व अपनें आप में अनूठा है शायद इसीलिए राम विश्व के अवतारो में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध व लोकप्रिय है राम का जीवन दुःखमय रहा हो परन्तु वह हमें हर संकट व समस्या से उबरने का संदेश देता है यह त्यौहार हमें व्यक्तिगत स्वार्थ और अपनें फायदों से ऊपर उठकर मानव कल्याण का व जीवन में सही मार्ग पर आगे बढ़ने का संदेश देता है
नरेश छाबड़ाआवास -विकास रूद्रपुर8630769754