गदरपुर। करोड़ों की लागत से बनी नवीन अनाज मंडी गदरपुर के किसानों, व्यापारियों ,मजदूरों को 5 अक्टूबर को समर्पित हो जायेगी। मंडी समिति सचिव दिनेश कुमार तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सीजन धान की खरीद का शुभारम्भ नई मंडी से ही किया जाना प्रस्तावित है जिसके लिए कैबिनेट मंत्री अजय भट्ट द्वारा नवीन अनाज मंडी का शुभारंभ 5 अक्टूबर को किया जाएगा,जिसकी तैयारियां जोरों से की जा रही है। यहां बता दें कि काफी लम्बे प्रयास के बाद गदरपुर मंडी का निर्माण हो चुका है। गदरपुर की नवीन मंडी हाईटेक मंडी होगी। इस मंडी का निर्माण करीब 23 एकड़ भूमि में किया गया हैं। जिसमें 100 आढ़त की दुकानों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित हैं। वर्तमान में 80 दुकानें पूर्ण रुप से बनकर तैयार हो चुकी है। जिसका एलाॅटमेंट भी हो चुका है और 28 दुकानों के सामने पक्के फड़ भी शीघ्र तैयार हो जाएंगे और शेष 20 दुकानें भी बन रही है जो शीघ्र ही तैयार हो जायेगी। इस मंडी निर्माण में करीब 33 करोड की लागत आयेगी। इस मंडी को पीडी जेड व्यवस्था से जोड़ा गया है जो सीधे रुद्रपुर निदेशालय से कनेक्ट रहेगी। नई मंडी में किसानों को काफी सुविधायें उपलब्ध हो सकेंगी। पूर्व मंडी में बरसात के दिनों में पानी भर जाता था लेकिन अब नई मंडी में जल भराव की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। किसानों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए एक ही मुख्य गेट होगा। किसान की खाली ट्रेक्टर-ट्राली खडे़ करने की सुविधा होगी। किसान की फसल के लिए दुकानों के सामने 28 मीटर का टीन शैड होगा। नई मंडी में एक दिन में किसानोें का करीब 30 से 40 हजार कुन्तल धान या अन्य फसल को तोला जा सकेगा। नई मंडी में दो इलैक्ट्रोनिक कांटे लगाये गये है। एक कांटे पर किसान की भरी ट्रेक्टर ट्राली व दूसरे से खाली ट्रैक्टर को तौला जा सकेगा। किसानोें के पीने के पानी की पूर्ण रुप से व्यवस्था की गयी है चार पानी के स्टैण्ड पोस्ट का निर्माण किया गया है। टीन शैड का निर्माण प्रारम्भ हो गया है। जो शीघ्र ही तैयार हो जायेगा। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जायेंगेऔर दो सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध होंगे।नई मंडी में अव्यवस्थाओं पर हो सकता है विरोधगदरपुर । नई मंडी निर्माण में कुछ कच्चे आढ़तियों को दुकानें एलाट नहीं हुई है। वह इस असमंजस की स्थिति में है कि वह अपना व्यापार कहां पर करेंगे। उनका कहना था कि नई मंडी में जाने से पहले वर्तमान आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा था कि जब तक सभी को दुकानें नहीं मिलेगी तब तक कोई भी नहीं जायेगा। लेकिन अब कुछ लोग अपनी वाहवाही लूटने के लिए इन सब बातों को भूलाकर आढ़तियों को ले जाने के प्रयास में जुटे है। जिससे कुछ आढ़ती व्यापारियों में अन्दर ही अन्दर रोष व्याप्त है। इनका कहना है कि सभी दुकानें तैयार होने पर सभी एक साथ जाते तो किसी भी आढ़ती को व्यापार करने में परेशानी नहीं होती। वही भाकियू ने भी नई मंडी में अव्यवस्थाओें को लेकर रोष जताया है और कहा कि जब तक सुविधायें उपलब्ध न हो तो मंडी को न ले जाया जाये। इस रोष के चलते नई मंडी के शुभारम्भ के समय आढ़तियों एवं किसानों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।