गदरपुर । आज के इस दौर में जहां लोग सरकारी बैंक की सुविधाओ से परेशान होकर प्राइवेट बैंक की तरफ आकर्षित हो रहे हैं वही प्राइवेट बैंक कस्टमर के भोलेपन का फायदा उठाकर उन्ही को लूटने का काम कर रहे है। अपना टारगेट पूरा करने या चन्द पैसों के खातिर उनका पैसा गलत जगह निवेश कर रहे है जिससे कस्टमर का सारा पैसा डूब जा रहा है।ऐसी ही एक लूट की दास्तां है Axis Bank गदरपुर ब्रांच की जहां बुजुर्ग स.साहब सिंह जी, उम्र 72 साल
निवासी मुकंदपुर डेरा ने लगभग 6.5 साल पहले एक एक लाख रुपए अपनी पोतियों के नाम पर 3 साल के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया था और उसके 3 साल बाद बनी रकम लेने बैंक पहुंचे। बैंक वालो ने रकम देते वक्त उनको दोबारा निवेश करने के लिए बोला और कई बार बुजुर्ग ने मना किया। लेकिन बार बार कहने पर और 3 साल में डबल रकम देने का हवाला देकर बैंक कर्मचारियों ने 40000 रोककर बाकी बची रकम वापिस की और बीस बीस हजार दोनो पोतियों के नाम पर 3 साल के लिए म्यूचुअल फंड में लगाने की बात कही और जब बुजुर्ग 3 साल बाद मतलब लगभग 6 महीने पहले बैंक से अपना पैसा लेने जाते है तो उन्हें कहा जाता है कि आपने पैसा LIC में लगाया था और आपने किश्त जमा नही की तो आपका सारा पैसा खत्म हो चुका है। LIC पॉलिसी की कोई भी जानकारी न तो बुजुर्ग को दी गई थी और न ही उनके पास किश्त बाउंस का कोई मैसेज या कॉल आई। और इन तीन सालों में बुजुर्ग हर महीने में दो से तीन बार बैंक भी आते जाते रहे है अपने लेन देन के लिए और बैंक के कर्मचारियों के द्वारा भी कोई सूचना नहीं दी गई किश्त बाउंस की और न ही कोई नोटिस आया।
इससे साफ है कि ये उस समय के बैंक मैनेजर देवेन्द्र सिंह और कर्मचारी राशि खुराना द्वारा सोची समझी साजिश थी उन बुजुर्ग का पैसा अपने निजी स्वार्थों के कारण उनकी जानकारी के बिना म्यूचुअल फंड की जगह दूसरी किसी योजना में लगाने की। हमारे समाज में ऐसे कई लोग है जो इंग्लिश पढ़ना नही जानते और जो जानते भी है तो वो 20 से 50 पन्नो का एग्रीमेंट बिना पढ़े विश्वास में साइन कर देते है। आज ऐसा एक बुजुर्ग के साथ हुआ है तो कल हजारों के साथ होगा।भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा वर्तमान बैंक मैनेजर और कर्मचारियों से बात करके उन्हें आने वाले सोमवार तक का समय दिया गया है। इस दौरान अगर बुजुर्ग का पैसा ब्याज सहित उनको वापिस नही दिया जाता है तो किसान यूनियन आगे की कार्यवाही करेगी और फिर Axis Bank का विरोध सिर्फ गदरपुर ही नही बल्कि हर उस जगह किया जाएगा जहां जहां भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक का प्रभाव प्रबल है। कोई भी फैसला लेने से पहले बैंक हमारे संगठन की शक्ति को भांप ले।