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रामपुर भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज-भावाधस (भीम) के राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य ने कहा है कि आरक्षण अति दलितों का जन्म सिद्ध अधिकार है लेकिन वह उस से वंचित हैं | आरक्षण का वर्गीकरण अब होकर रहेगा जिस से अति वंचित जातियां भी मुख्य धारा में आ सके ।भीम अनार्य आज वाल्मीकि धाम कोसी रोड, रामपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना और पंजाब सरकारों ने इसे लागू करदिया है लेकिन उ०प्र० सरकार इस में हिला-हवाली कर रही है। जिस कारण अति दलित जातियों में रोष बढ़ रहा है जो किसी भी समय फूट कर सड़कों पर आ सकता है। आन्दोलन कि रणनीति बनाने हेतु सभी अति दलित समाज के संगठनो की एक बैठक 17 नवम्बर, 2024 को प्रेस क्लब लखनऊ में बुलाई गयी है। बैठक के बाद आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।भीम अनार्य ने कहा कि देश की आजादी से आज तक उ०प्र० में जितनी भी सरकारें बनी उन्होंने अति दलित जातियों को आरक्षण से वंचित रखा | जिस कारण उ०प्र० में अधिकारी से लेकर चपरासी तक हर पद से यह समाज वंचित रहा है। 1 अगस्त, 2024 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ उम्मीद जागी है लेकिन सरकार अब भी इसे लागू नहीं कर रही है इसलिए 17 नवम्बर को समस्त सफाई कर्मी संगठनो, समाजिक और धार्मिक संगठनो को आमंत्रित किया जा रहा है। सभी लोग अपने गिले शिकवे भूल कर एक मंच पर आय, ऐसा भावाधस भीम प्रयास कर रहा है। उन्होंने वाल्मीकि नेताओं से भी आह्वान किया है कि वह अपना स्वार्थ एक तरफ रख, कौम के हित में संगठित हो । वर्गीकरण की मांग किसी समाज या धर्म के खिलाफ नहीं है इसमें स्वर्ण दलितों को भी बड़ा दिल दिखाते हुए सहयोग करना होगा तभी दलित एकता बन पायेगी अन्यथा हम सिर्फ एक जाति विशेष के नेता और पार्टी बन जायेंगे | वर्गीकरण हमे अब शैक्षिक संस्थानों, नौकरियों में नहीं राजनीति में भी चाहिए | हम 2027 के विधानसभा चुनावों में सभी राजनीति पार्टियों से मांग करेंगे कि वह सुरक्षित सीटों पर भी वर्गीकरण करें |पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय प्रचार मंत्री कैलाश एकलव्य, प्रदेश महासचिव विजय अनार्य, कमल तुरेहा जिला अध्यक्ष तुरेहा समाज

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