मातृभाषा दिवस पर वितरण किये पंजाबी अक्षर ज्ञान के कैलेंडर
गदरपुर । धर्मस्थानों को आतताइयों के कब्जे से मुक्त करवाकर सिख धर्म की मर्यादा कायम करने के उद्देश्य से चलाए गए अभियान के दौरान शहीद हुए सिंघों की याद में गुरबाणी पाठ एवं अरदास के उपरांत गोष्ठियों का आयोजन किया गया। नजदीकी ग्राम गणेशपुर के गुरुद्वारा साहिब में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मूल मंत्र के उच्चारण के साथ किया गया।इस अवसर पर उत्तराखंड सिख मिशन काशीपुर के प्रचारक भाई हरजिंदर सिंह ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी की जन्मस्थली गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब को भ्रष्ट महंतों के कब्जे से मुक्त कराया गया जिसमें शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करते हुए सैकड़ो सिंघ शहीद हुए थे जिन्हें साका ननकाना साहिब के शहीदों के रूप में याद किया जाता है वही मोर्चा गंगसर जैतो में गुरुद्वारा साहिब में चल रहे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ को तत्कालीन अंग्रेजी सरकार द्वारा अपनी दादागिरी के चलते मर्यादा को भंग कर दिया था जिसके रोष स्वरूप हजारों सिख संगत ने गिरफ्तारियां और शहीदियां देकर सिख धर्म की मर्यादा को कायम रखा, 21 फरवरी 1924 को मोर्चा गैंगसर जैतो फतह किया गया था।वहीं सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई के इंचार्ज देवेंद्र सिंघ द्वारा मातृभाषा पंजाबी भाषा दिवस पर संगत को अपनी मातृ भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बचपन से ही बच्चों को राष्ट्रीय भाषा हिंदी के साथ मातृभाषा पंजाबी भाषा का भी ज्ञान प्रदान करने के लिए अपील की उन्होंने सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा लागू किए जाने का अभियान चलाने का भी संगत को आह्वान किया। इस दौरान गुरुमुखी भाषा अक्षर ज्ञान के कैलेंडरों का भी निशुल्क वितरण किया गया। एक जागरूक बालिका मनप्रीत कौर को गुरु घर संबंधी उनकी सेवाओं के प्रति सम्मान करते हुए सरोपा एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम के समापन पर अरदास करके सर्वत्र सुख शांति की कामना और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।इस मौके पर मनजीत सिंह, कमलजीत सिंह,हर्षप्रीत कौर, पवनदीप कौर,परमीत कौर, सिमरजीत कौर, नवजोत सिंह, युवराज सिंह,कर्मजीत कौर, प्रभजोत सिंह,परमजीत सिंह, हरजस सिंह,दक्षदीप सिंह,करनरूप सिंह आदि मौजूद रहे।