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शक्तिफार्मनगर के भारत माता पार्क मेआदर्श श्रीरामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला मे दूसरे दिन मे श्रवण कुमार की मातृ-पित्र् भक्ति,श्रवण कुमार की मृत्यु, मार्मिक सुंदर लीला का मंचन हुआ।दूसरे दिन लीला का शुभारम्भ श्री रामलीला कमेटी के पदाधिकारी व सदस्यो द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।गणेश वंदना के पश्चात श्री राम लीला शुरु हुआ।पिछले 44 वर्षो सेअभिनय की दुनिया मे सक्रियइस वर्ष श्रवण कुमार का चरित्र क्षेत्र के शिक्षक पंकज राय कर रहे है।माता पिता भक्त श्रवण कुमार अपने माता पिता को तीर्थ करवाने हेतु कांवर तैयार कर उसमे माता पिता को बैठाकर तीर्थ के लिए निकल जाते है।जब तीनो अयोध्या नगरी पहुंचते है,तब माता पिता श्रवन कुमार से प्यास लगने की बात कहते है,श्रवन कुमार कांवर को जंगल मे रखकर सरयू किनारे पानी भरने लगता है।इस हलचल को शेर के पानी पिने की आवाज़ समझ कर राजा दशरथ शिकार के उद्देश्य से तीर चला देते है,और उस तीर से श्रवन कुमार के हृदय को आघात पहुँचता है,उनके मुख से पीड़ा भरी आवाज़ निकलती है,जिसे सुनकर दशरथ स्तम्भ रह जाते है,
और उन्हे अनहोनी का एहसास होता है,श्रवन के सीने मे अपना तीर देखकर दशरथ को अपने भूल का एहसास होता है,श्रवन अंतिम सांस लेते हुए अपने नेत्र हिन माता पिता के प्यासे होने की बात कहकर प्राण त्याग देते है।
दशरथ श्रवण कुमार के माता पिता को सारी बाते व श्रवन के मृत्यु की बात कहता है,उसके बाद शांतनु महाराज दशरथ को श्राप देते है की मेरी तरह तूम भी पुत्र वियोग मे मरोगे।
इतना कहकर श्रवन के माता पिता अपने प्राण त्याग देते है।
श्रवण कुमार के अभिनय को जीवन्त चरितार्थ करने वाले पंकज राय ने शिक्षा के क्षेत्र मे विशेष योगदान दिया है,खेलकूद,संगीत,समाजसेवा से जुड़े होने के कारण लोकप्रिय भी है,क्रिकेट हो या फुटबॉल उनके कमेट्री खेल को और भी रोमांचक बना देता है।इस मौक़े पर अजय जायसवाल,देवेंद्र मेहरोत्रा,जयंत मण्डल,दीपक कालरा,रविन्द्र अग्रवाल,राजकुमार डालमिया,लक्की कालरा,संजय गुप्ता,नितिन जिंदल ( पंडा ),सन्नी मित्तल,रमन जायसवाल,सुमित मण्डल, सपन सरकार,दीपक कुमार,हरेन मण्डलआदि मौज़ूद थे ।

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