गदरपुर । गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोविंद सर नवाब गंज में अमावस्या और बंदी छोड़ दिवस के अवसर
पर भारी गुरमत समागम आयोजित किए गये । मानसा से आए भाई धर्मवीर सिंह ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि दिवाली वाले दिन शहीद भाई मनी सिंह को भी नमन किया जाता है उन्होंने बताया कि लाहौर दरबार के सूबेदार जकरिया खा ने एक साजिश के तहत भाई मनी सिंह को दरबार साहिब श्री अमृतसर में दिवाली मेला आयोजित करने की इजाजत दी और दूसरी तरफ साजिश रच कर सभी सिख संगत की एकत्रता पर हमला करके उन्हें खत्म करने का षडयंत्र रचा गया इसका पूर्वानुमान होते ही भाई मनी सिंह द्वारा मेला कैंसिल करते हुए सभी सिख संगत को अवगत कराया । परंतु जकरिया खान द्वारा दीवान लखपत राय के माध्यम से भाई मनी सिंह से नजराने के रूप में धनराशि अदा करने की बात कही परंतु मेला कैंसिल किए जाने की बात करते हुए उन्होंने जुर्माना भरने से इनकार कर दिया जिस पर भाई मनी सिंह जी को धर्म तब्दीली का फरमान सुनाया गया उनके इनकार पर उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े काटकर शहीद कर दिया गया। उन्होंने कहा दिवाली पर शहीदों की याद मनाए जाने के लिए भी हमें जागरूक होना चाहिए । हजूरी रागी जत्था भाई हरजीत सिंह, कथावाचक भाई रतन सिंह तिकोनिया एवं भाई जसवीर सिंह,ढाढ़ी जत्था भाई लखबीर सिंह कोमल श्री अमृतसर, कविश्री भाई लखबीर सिंह मस्त श्री अमृतसर द्वारा भी गुर इतिहास एवं कीर्तन श्रवण कराया गया । गुरु का लंगर अटूट बांटा गया, साथ ही संगत को निशुल्क पौधों का वितरण भी किया गया । मुख्य सेवादार बाबा अनूप सिंह ने बताया कि दूर दराज से आने वाले सैकड़ो दुकानदारों द्वारा मेले के रूप में अपनी दुकानें सजाई गई वहीं सरोवर में स्नान करके लोगों द्वारा सर्व समानता को दर्शाया गया । ज्ञात हो कि भारत पाक बंटवारे के उपरांत क्षेत्र में पहुंचकर बुजुर्गो द्वारा ऐतिहासिक प्रमाणो के आधार पर श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का आगमन एवं इस स्थान पर उनके द्वारा कुछ समय विश्राम किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई । वहीं खुदाई में ऐतिहासिक वस्तुएं भी प्राप्त हुई । बाबा अर्जुन सिंह और संगत के सहयोग से लगभग छह दशक पूर्व गुरुद्वारा साहिब जी स्थापना की गई । गुरुद्वारा पदाधिकारियों एवं संगत की सहमति से गुरुद्वारा साहिब का प्रबंध कार सेवा के माध्यम से करवाए जाने का निर्णय लिया गया जिस पर वर्तमान में अब बाबा अनूप सिंह के नेतृत्व में सेवा की जा रही है वही संगत द्वारा सहयोग देते हुए मीरी पीरी खालसा अकेडमी रतनपुरा की भी स्थापना की गई जिसमें शिक्षण रत सैकड़ो बच्चो द्वारा विभिन्न खेलो एवं अन्य विषयों पर आधारित प्रतियोगिताओं में शामिल होकर सैकड़ों पदक एवं अन्य पुरस्कार प्राप्त करके एकेडमी और क्षेत्र का नाम रोशन किया । बाबा अनूप सिंह द्वारा संगत का धन्यवाद करते हुए कहा कि मीरी पीरी खालसा अकादमी रतनपुरा में शिक्षण कार्यों के साथ गुरमुखी भाषा मार्शल आर्ट, गतका, खेलकूद एवं धार्मिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है उन्होंने सभी क्षेत्र वासियों से अपने बच्चों को मीरी पीरी खालसा अकेडमी रतनपुरा में शिक्षा के लिए भेजने का आहवान किया ।
इनसेटगु.श्री गुरु हरगोबिंदसर नवाबगंज में कवि सम्मेलन का आयोजन रहा जागरूकता का केंद्र
गदरपुर । दीपावली बंदी छोड़ दिवस एवं अमावस के तीन दिवसीय समागम पर पहुंचे कवि करमजीत सिंह नूर ने ” गुरु ग्रंथ ज्ञान दा महा नूर है लोक मना दीया कालकां थो रिहा है ,
एह ओह सुच्चे गुलाब दा बाग है जो सारी संगत विच वंड खुशबो रिहा है”बलबीर सिंह कवल ने”हथ विच माला गल विच तेगा बदले रंग फकीरी दे, तख्त अकाल सजा के बैठे मालिक मीरी पीरी दे ” कविश्री बीबी सरबजीत कौर सरब ने “आपे गुरु बनया ते आप ही चेला बनया, एह तां की कमाल मेरे साहिबे कमाल दा है”वीर अनूप सिंह द्वारा सभी वक्ताओं को सम्मानित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई ।











