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गदरपुर । हमारे एह कृपा कीजै अल मकरंद चरण कमल सिंउ मन फेर फेर रीझै, हे वाहेगुरु हम पर ऐसी कृपा करो जैसे भंवरा कमल के फूल का मकरंद रस चूस कर मस्त हो जाता है वैसे ही हमको नाम रूपी रस मकरंद की प्राप्ति हो जैसे चात्रिक पक्षी स्वाति नक्षत्र की बूंद से तृप्त हो जाता है और अन्य किसी भी प्रकार से जल का सेवन नहीं करता इस प्रकार हे वाहेगुरु परमात्मा हम पर भी कृपा करके नाम रूपी रस की बक्शिश करो यह विचार पटियाला से आए अमृत प्रचार संगत के प्रमुख जत्थेदार बाबा जगजीत सिंह द्वारा एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कहे। उन्होंने कहा,श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की गुरबाणी 31रागों में दर्ज है उन्होंने गुरु अर्जन देव जी द्वारा रचित राग कल्याण की वाणी का गायन किया। नयागांव स्थित गैट पॉलिटेक्निक कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को नतमस्तक होते हुए संगत ने गुरबाणी कीर्तन श्रवण किया इस दौरान बाबा जगजीत सिंह द्वारा वर्तमान समय में कलयुग के प्रभाव से सिख धर्म की मर्यादा को कायम रखने के लिए सभी को अपील करते हुए एकजुट होने का आहवान किया इस दौरान ज्ञानी गुज्जर सिंह एवं ज्ञानी नरेंद्र सिंह द्वारा भी गुरबाणी की खोजपूर्ण कथा की गई ।गैट पॉलिटेक्निक कॉलेज के डायरेक्टर हरेंद्र सिंह लाडी ने बताया कि अमृत प्रचार संगत द्वारा क्षेत्र में हर वर्ष कई समागम किए जाते हैं जिससे संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की शिक्षा एवं ऐतिहासिक पक्षों की जानकारी प्राप्त करके गुरु उपदेशों को आत्मसात करने का अवसर प्राप्त होता है। इस दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश ग्रंथी भाई पवनप्रीत सिंह द्वारा तथा संगत द्वारा पुष्प वर्षा की गई। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में संगत तथा कॉलेज के स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने सेवा करने के उपरांत लंगर रूपी प्रसाद भी ग्रहण किया।

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