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गदरपुर। बारावफात पर जुलूस-ए-मोहमदी शान-ओ-शौकत के साथ निकाला गया। जुलूस में शामिल लोग नारा-ए-तकबीर, अल्ला हु अकबर व मोहम्मद का दामन हम नही छोड़ेंगे जैसे नारे लगाते हुए चल रहे थे । हिजरी कैलेंडर के तीसरे महीने बारहवफात की 12 तारीख को मुसलमान जुलूस निकालने के साथ मिलादुन नबी के त्योहार के रूप में बड़े एहतेराम के साथ इस दिन को मनाते हैं। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन बारावफात पर घरों में रोशनी की गई। गुरुवार सुबह कुरानख्वानी के साथ फातिहा भी पढ़ी गई। दिन में नगर में जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। इसमें तकरीर व नातें बजती रहीं। जुलूस इतवार बाजार से शुरू होकर मुख्य मार्ग होते हुए वार्ड नं 8 और 9 कब्रिस्तान चौराहे के पास जाकर समाप्त हुआ। गदरपुर के समाजसेवी एवं राजनीतिक लोगों ने जुलूस का स्वागत किया।
नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र से भी नगर में जुलूस को लेकर पहुंचे जो एक जलसे में तब्दील हो गया, जहां उलेमाओं ने तकरीर और सामुहिक दुआ की।
जुलूस का नेतृत्व करने वालों में मौलाना शहरी इमाम जाने आलम, हाफिज जाकिर हुसैन,कारी मुबारक, हाफिज इकरार अली, हाफिज आरिफ हुसैन, कारी मौ. आरिफ, मौलाना इरशाद, मौ आलम, जलाल अहमद, मौलाना हामिद रजा मरकजी, हाफिज शब्बीर अहमद, मोहम्मद हामिद अहरारी आदि नाम उल्लेखनीय हैं। जुलूस के दौरान पुलिस सुरक्षा का तगड़ा इंतजाम किया गया था।570 ई में पैदा हुए पैगम्बर हजरत मुहम्मद स. को 40 साल की उम्र में पैगम्बरी मिली थी। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने 610 इस्वी से इस्लाम का प्रचार शुरु किया था और 622 में अपने अनुयायियों के साथ मक्का से मदीना की हिजरत की थी। इस हिजरत से हिजरी कैलेंडर की शुरुआत हुई थी। 8 जून 632 इस्वी को हुजूर की वफात हुई थी।इस दौरान जुलूस में नगर पालिकाध्यक्ष गुलाम गौस,मुन्तियाज अहमद,सज्जाद हुसैन, नईम हाजी,सादिक हुसैन,नाजिर हुसैन,शाकिर अली, मोहम्मद आलम संहित सैकड़ो लोग शामिल थे ।

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