गुरु अमर दास जी के प्रकाश पर्व एवं बाबा बुड्ढा जी को समर्पित कार्यक्रम में हजारों लोगों ने की सहभागिता
खेड़ा नवाबगंज बाजपुर में पंजाब से आए बाबा भगवंत भजन सिंह ने किया अरदास एवं दवाओं के साथ हजारों लोगों के दुखों का निवारण
गदरपुर। निर्मल तख्त बाबा बुड्ढा जी नंबर चार, खेड़ा नवाब गंज खेड़ा, बाजपुर,जिला उधम सिंह नगर, उत्तराखंड में 56 वें सालाना वार्षिक महान जोड़ मेला एवं धार्मिक समागम का श्रद्धा भावना के साथ समापन हो गया । कार्यक्रम में डेरा बाबा नानक से आए भाई वीर सिंह नामधारी के रागी जत्थे ने गुरबाणी कीर्तन एवं कथा के साथ संगत को निहाल किया।ढाढी जत्था भाई भूपेंद्र सिंह पारस ,कवि श्री जत्था भाई मक्खन सिंह दशमेश नगरिया, कविश्री जत्था भाई बलविंदर सिंह, अंग्रेज सिंह, कुलदीप सिंह ने गुरु इतिहास के पक्षों का वर्णन करते हुए ऐतिहासिक तथ्यों पर प्रकाश डाला वहीं कार्यक्रम में पहुंचे बाबा जसविंदर सिंह निर्मले कोठारी ,हरिद्वार वालों द्वारा नाम स्मरण करवाते हुए संगत को गुरबाणी का आसरा लेने का आह्वान किया। कथा वाचक भाई हरप्रीत सिंह केशगढ़, त्रिलोक सिंह यूके, देवेंद्र सिंघ गदरपुर ने गुरु ग्रंथ साहिब जी के सिद्धांतों पर आधारित एवं गुरु अमर दास जी कक जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन गुरुद्वारा नानकसर ठाठ बाजपुर के बाबा प्रताप सिंह एवं अमरजीत सिंह के जत्थे ने गुरबाणी कथा कीर्तन के साथ किया । कार्यक्रम के समापन पर बाबा भगवंत भजन सिंह द्वारा सर्वत्र सुख शांति की अरदास की गई ।कार्यक्रम के समापन के उपरांत अखंड पाठ की सेवा लेने वाले तथा अन्य सभी सेवादारों को बाबा भगवंत भजन सिंह एवं बाबा दलजीत सिंह द्वारा सरोपा भेंककर सम्मानित किया गया।वहीं विभिन्न प्रकार की दुकानें,झूले एवं अन्य सामान के स्टाल भी लगाए गए । तीन दिवसीय जोड़ मेले में श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा साहिब द्वारा दिन भर ठंडे मीठे पानी की छबील एवं गुरु का लंगर दिन भर चलता रहा। निर्मल तख्त बाबा बुड्ढा जी नवाबगंज खेड़ा बाजपुर के बाबा बलजीत सिंह ने बताया कि हर वर्ष की भांति लगने वाले जोड़ मेले में वाहन पार्किंग,दुकानों की व्यवस्था,संगत के ठहरने के लिए व्यवस्था और गुरु के लंगर आदि की व्यवस्था सेवादारों द्वारा बाखूबी निभाई गई।
निर्मल तख्त बाबा बुड्ढा जी के जोड़ मेले के दौरान गत वर्ष अपनी अरदास की संपूर्णता होने पर श्रद्धालुओं द्वारा खूब जश्न मनाया गया। पुत्र प्राप्ति पर बैंड बाजों के साथ नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नत पूरी होने पर अपनी सेवाएं प्रदान की। हर वर्ष बुद्ध पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं द्वारा अपनी मन्नत मांगी जाती है पूरी होने पर वह मन्नत पूरी होने पर वह गुरु दरबार की हाजिरी भरकर सेवा करते हैं । कहा जाता है कि सच्चे दिल से मन्नत मांगने पर हर मनोकामना पूर्ण होती है।




