खबर पड़ताल
गदरपुर । नगर पालिका का 5 वर्ष का कार्यकाल विषम परिस्थितियों के साथ सभासदों की नाराजगी एवं नागरिकों के रोष के बीच समाप्त हो गया पालिका के 5 वर्ष के कार्यकाल के अंतिम कुछ माह में कई सभासदों द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चला कर पालिका प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया था और पालिकाध्यक्ष पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे पालिकाध्यक्ष पर धरने पर बैठे कर्मचारियों के साथ गाली गलौज पर मुकदमा भी दर्ज हुआ ,नगर में चल रही ठेके पर सफाई व्यवस्था को लेकर धरने पर बैठकर कर्मचारियों ने रोष जताया था वहीं कई लोगों द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल को सफल बताते हुए कई विकास कार्य इन 5 वर्षों में होना बताया है वही एक नागरिक ने वार्ता करते हुए कहा कि वर्षों से जो काम नहीं हुए वह पूरे हुए हैं कमियां तो होती है लेकिन अच्छाइयों को भी देखना चाहिए वहीं पालिकाध्यक्ष द्वारा गत 5 वर्ष के कार्यकाल में सभी वार्डों में जन भावनाओं के अनुसार विकास कार्य करवाए गए हैं कुछ वार्डों में लोनिवि एवं अन्य विभागों को दिए गए निर्माण एवं विकास कार्यों की स्वीकृति न होने से कार्यलंबित है विषम परिस्थितियों के बावजूद उनके द्वारा ज्यादातर कार्य पूरा करने में प्राथमिकता दिखाई है यह उनका दावा है ।
यह विकास कार्य हुए
वार्ड 3 और 4 में स्थित तिकोनिया पार्क का सौंदर्यकरण, वार्ड 9 में तालाब का निर्माण एवं सौंदर्यकरण ,वार्ड 11 में नहर की कवरिंग ,सार्वजनिक जगहों पर महिला एवं पुरुष शौचालय, प्याऊ का निर्माण ,डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण और रात्रि कालीन सफाई व्यवस्था

अधूरे रह गए कार्य
पालिका के कार्यकाल में भूमि चयन सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह गया ,कूड़ा एकत्रीकरण केवल बुध बाजार स्थित मंडी खलिहान में ही गंदगी फैलाता नजर आ रहा है जिसे उठाकर क्षेत्र की सड़कों के आसपास फेंककर भयंकर गंदगी फैलाना,
सकैनिया रोड पर बाबा भूमणशाह स्मृति द्वार का निर्माण अधूरा ,आवास विकास वार्ड में पार्कों का नहीं हुआ सौंदर्यकरण ग्राम मजरा हसन में 13,68,00000 रुपए से बनने वाले टचिंग ग्राउंड का कार्य नहीं हुआ शुरू, ठंडी नदी में दिखावे को की गई सफाई, ठंडी नदी के आसपास बने घरों का मल मूत्र शौचालय नदी में ही बना जिस पर कोई रोक नहीं,मुख्य मार्गों पर सड़कों के किनारे गलियों में अक्सर दिन रात जल रही बड़ी-बड़ी लाइटे पालिका कर्मियों की लापरवाही का सबूत, जिसका बिल देने के लिए भी शायद बजट नहीं होगा, इसके लिए विद्युत विभाग भी दोषी, न्यायपालिका द्वारा प्रतिबंधित पॉलिथीन मामले में पालिका की कार्रवाई फेल, आज भी धड़ल्ले से बिक रही है, पॉलीथिन और प्रतिबंधित सामग्री, जहां से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था वहां पर दोबारा लग गए हैं फड़ और ठेले, बेचारे उजाड़े गए फड़ ठेले वालों को नहीं मिला मुआवजा या उचित स्थान जो मात्र सर्वे तक सिमट कर रह गया, चहेतों को दिए गए निर्माण कार्यों के ठेके ,कई गलियों में नालियों के ऊपर रखे गए जाल हो गए क्षतिग्रस्त , कई गलियों में जल भराव की स्थिति और सड़क निर्माण नहीं हुआ,बढ़ती आवारा कुत्तों की संख्या लोगों की परेशानी का बनी सबब, क्षेत्र में लोगों के लिए मुसीबत बनी हजारों बंदरों की मौजूदगी और नगर पालिका की कार्रवाई सबके सामने है ।यह है असलियत नगर पालिका की हमारा क्या है हम तो झोला उठा कर चल देंगे, वही हुआ।






