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रुद्रपुर: लगातार जोड़ों के दर्द के साथ जीना थका देने वाला हो सकता है, जिससे गतिशीलता प्रभावित होती है और दैनिक जीवन कठिन हो जाता है। गंभीर जोड़ों की क्षति से पीड़ित लोगों के लिए, रिप्लेसमेंट सर्जरी सबसे प्रभावी समाधानों में से एक है। लेकिन अब, रोबोटिक-असिस्टेड तकनीक के विकास के साथ, मरीजों को अधिक सटीकता, तेज़ रिकवरी और लम्बे समय तक बेहतर परिणामों का लाभ मिल सकता है।

मूल रूप से, जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी में क्षतिग्रस्त टिशूस को हटाकर आर्टिफिशल इम्प्लांट लगाना शामिल होता है। पारंपरिक तरीकों में केवल सर्जन की विशेषज्ञता पर निर्भरता होती है, जबकि रोबोट-असिस्टेड प्रक्रियाओं में एडवांस्ड तकनीक का उपयोग करके सटीकता बढ़ाई जाती है।

इस सर्जरी के दौरान, रोबोटिक आर्म सर्जन को वास्तविक समय में फीडबैक प्रदान करता है, जिससे इम्प्लांट की पोजिशनिंग सही तरीके से संरेखित किया जाता है और आसपास के टिशूस के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित किया जाता है। इससे जोड़ों की गतिशीलता अधिक प्राकृतिक बनती है, स्थिरता बेहतर होती है और इम्प्लांट लंबे समय तक टिकाऊ रहता है।

बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के जॉइंट रिप्लेसमेंट प्रोग्राम के सीनियर डायरेक्टर डॉ. ईश्वर बोहरा ने बताया कि “रोबोट-असिस्टेड जॉइंट रिप्लेसमेंट सटीकता, तेज़ रिकवरी और बेहतर परिणामों के कारण पारंपरिक सर्जरी से अधिक प्रभावी साबित हो रहा है। यह तकनीक सर्जनों को असाधारण सटीकता के साथ इम्प्लांट लगाने में सहायता करती है, जिससे गलत एलाइनमेंट की संभावना कम होती है और जॉइंट की कार्यक्षमता बेहतर होती है। सर्जरी से पहले हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D इमेजिंग के जरिए मरीज की शारीरिक संरचना का विस्तृत विश्लेषण किया जाता है, जिससे एक व्यक्तिगत और कस्टमाइज्ड उपचार योजना बनाई जाती है। पारंपरिक सर्जरी की तुलना में, रोबोट-असिस्टेड प्रक्रिया में छोटे चीरे लगाए जाते हैं, जिससे टिशूस को कम नुकसान होता है, दर्द कम महसूस होता है और रिकवरी तेज़ होती है। इससे मरीजों को अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है, और वे तेजी से अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं। सही एलाइनमेंट के कारण जॉइंट मूवमेंट अधिक प्राकृतिक और स्थिर होता है, जिससे गतिशीलता में सुधार होता है। इसके अलावा, इस तकनीक की उच्च सटीकता के कारण इम्प्लांट के घिसने, ढीला होने या भविष्य में करेक्टिव सर्जरी की आवश्यकता की संभावना भी कम हो जाती है।“

रोबोट-असिस्टेड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है, जिससे अधिक सटीकता, तेज़ रिकवरी और बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। यह तकनीक और सर्जिकल विशेषज्ञता का संयोजन मरीजों के लिए एक अधिक भरोसेमंद और अनुकूल समाधान प्रदान करता है।

डॉ. बोहरा ने आगे बताया कि “रोबोट-असिस्टेड जॉइंट रिप्लेसमेंट उन मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है जो गंभीर गठिया, जॉइंट इंजरी या डीजनरेटिव स्थितियों से पीड़ित हैं और सर्जरी की आवश्यकता है। यह तकनीक मोटे मरीजों के लिए फायदेमंद होती है, क्योंकि रोबोटिक सटीकता से टिशूस पर कम दबाव पड़ता है, जिससे रिकवरी तेज़ होती है। वहीं, जिन मरीजों को पहले फ्रैक्चर हुआ हो या जिनके जॉइंट में पहले से इम्प्लांट लगा हो, उनके लिए यह प्रक्रिया अधिक स्थिर और अनुकूल साबित होती है।“

यदि पुराना जॉइंट दर्द आपके जीवन को सीमित कर रहा है, तो यह समय है कि आप उन्नत उपचार विकल्पों की खोज करें। जानें कि क्या रोबोट-असिस्टेड सर्जरी आपके लिए सही विकल्प हो सकता है और आज ही किसी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ से सलाह लें।

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