तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और एल्युमिनाई रिलेसन्स सेल-एआरसी की ओर से एजुकेशन एंड फिलॉसफी पर एल्युमिनाई टाक, टीएमयू का शैक्षिक वातावरण गुणवत्तापूर्ण: डॉ. रेनू यादव
ख़ास बातें
स्टुडेंट्स के सर्वांगीण विकास को शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य: प्रो. एमपी सिंह
एल्युमिनाई स्टुडेंट्स के लिए लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रेरक चिन्ह: प्रो. निखिल रस्तोगी
प्रो. रश्मि मेहरोत्रा बोलीं, टीएमयू स्टुडेंट्स के जीवन में शिक्षकों की अहम भूमिका
टीएमयू में डॉ. रेनू यादव एल्युमिना के अलावा बतौर फैकल्टी भी दे चुकी हैं सेवाएं
हिन्दू कालेज, मुरादाबाद की शिक्षा विभाग की एचओडी एवम् तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के बीएड प्रथम बैच की एल्युमिना डॉ. रेनू यादव ने कहा, टीएमयू का शैक्षिक वातावरण गुणवत्तापूर्ण है। यूनिवर्सिटी निरंतर अपने लक्ष्य की ओर गतिमान है। यहां अनुभवी शिक्षक और उत्कृष्ट मानदंड हैं। इसकी विशेषता उच्च शिक्षा में छात्रों की शत-प्रतिशत उपस्थिति है, जिससे छात्र न केवल ज्ञान की प्राप्ति करते हैं, वरन तकनीकी से भी अपडेट रहते हैं। डॉ. यादव तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन और एल्युमिनाई रिलेसन्स सेल-एआरसी की ओर से एजुकेशन एंड फिलॉसफी पर आयोजित एल्युमिनाई टाक में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थीं। इससे पहले एल्युमिनाई वक्ता डॉ. रेनू ने बतौर मुख्य वक्ता, एआरसी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रो. निखिल रस्तोगी ने बतौर मुख्य अतिथि, डीन स्टुडेंट वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह ने बतौर विशिष्ट अतिथि, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, डॉ. अशोक कुमार लखेरा आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके वंदना के संग कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उल्लेखनीय है, डॉ. रेनू यादव ने टीएमयू के फैकल्टी ऑफ़ एजूकेशन के बीड के प्रथम बैच की उच्चतम अंक प्राप्त करने वाली स्टुडेंट रही हैं। हिंदू कॉलेज मुरादाबाद से एमएड डिग्री और नेट परीक्षा पास की है। उन्होंने टीएमयू के शिक्षा संकाय में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
हिंदू कॉलेज के शिक्षा विभाग की एचओडी डॉ. यादव ने दर्शनशास्त्र की व्याख्या करते हुए कहा, दर्शन हमारी सोच है, हमारा दर्शन कर्म और सत्य पर निर्भर करता है। यद्यपि वर्तमान में दर्शन से तात्पर्य आदर्शवाद, अध्यात्मवाद, प्रकृतिवाद, प्रयोजनवाद का शिक्षा के साथ संबंध से है। डॉ. यादव ने छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का भी उत्तर दिया। बीएड सेकेंड सेमेस्टर की छात्रा हेमा के प्रश्न के उत्तर में बोलीं, उन्होंने टीएमयू के शिक्षकों से संपूर्ण तैयारी के साथ कक्षा में पढ़ने की विधि, अनुशासन और स्वअवलोकन की कुशलता को सीखा। एमएड सेकेंड सेमेस्टर के छात्र अमन के प्रश्न के उत्तर में कहा, विभिन्न पुस्तकों के स्थान पर किसी एक संपूर्ण सिलेबस पर तैयार, योग्य ऑथर की पुस्तक को अपना बेसिक बनाकर एक प्लान के अनुसार, सतत स्मरण की ओर जुड़कर आप अपने कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स को पहली बार में क्रेक सकते हैं। डॉ. रेनू ने आयोग के जरिए 2012 में हिंदू पीजी कॉलेज, मुरादाबाद में ज्वाइनिंग की और 2023 में एचओडी बन गई। बतौर मुख्य अतिथि प्रो. निखिल रस्तोगी ने कहा, एल्युमिनाई स्टुडेंट्स के लिए लक्ष्य और उद्देश्य की ओर बढ़ने के लिए उनके प्रेरक चिन्ह होते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रो. एमपी सिंह ने कहा, किसी भी संस्थान की उच्चता, श्रेष्ठता, गुणवत्ता और गतिशीलता शैक्षिक वातावरण में निहित होती है। शत-प्रतिशत उपस्थिति ही स्टुडेंट्स को नॉलेज, एटीट्यूड, स्किल और हैबिट प्रदान करती है। प्रो. रश्मि मल्होत्रा ने कहा, विशेषताओं का आगमन कर्म करने से होता है। स्टुडेंट्स की स्टडी से लेकर करियर गाइडेंस में टीएमयू की फैकल्टी अहम भूमिका रहती है। डॉ. रेनू यादव पर हमें गर्व होता है। यही वजह है, टीएमयू के एल्युमिनाई अपने संस्थान को किसी भी क्षेत्र में पहुंचने के बाद भी भूलते नहीं है। कार्यक्रम में फैकल्टी डॉ. नाहिद बी, डॉ. शशि रंजन, श्री गौतम कुमार, डॉ. शिवानी यादव, डॉ. पावस कुमार मंडल आदि उपस्थित रहे। संचालन स्टुडेंट्स अमन सक्सेना ने किया।