बड़ी उपलब्धिः तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सीसीएसआईटी में सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स पर 22 और 23 दिसबंर को होगी 12वीं इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस स्मार्ट-2023
ख़ास बातेंः
भारत समेत बांग्लादेश, रूस, यूनाइटेड स्टेट, हाँगकाँग, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, सऊदी अरब, उज़्बेकिस्तान और इराक़ समेत कुल 11 देशों के आईटी विशेषज्ञ साझा करेंगे अपने अनुभव
कॉन्फ्रेंस के 15 तकनीकी सत्रों में 10 ट्रैक में देश-विदेश के शोधार्थियों की ओर से पढ़े जाएंगे 105 शोध पत्र
भारत के उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, कर्नाटक आदि से कुल 12 राज्यों के प्रतिभागी पढ़ेंगे अपने रिसर्च पेपर्स
2012 में प्रारम्भ हुई इस स्मार्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की अब तक की कुल 11 वर्षों की यात्रा में 1500 से अधिक शोध पत्र किए जा चुके हैं प्रस्तुत
इस बरस आने वाले विदेशी मेहमानों के अलावा हंगरी, आइसलैंड, मलेशिया, नॉर्वे, ओमान, मिस्र, रोमानिया आदि देशों के भी आईटी विशेषज्ञ अपने-अपने विचार कर चुके हैं साझा
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ कंप्यूटिंग साइंसेज़ इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी-सीसीएसआईटी की ओर से 22 और 23 दिसंबर को सिस्टम मॉडलिंग एंड एडवांसमेंट इन रिसर्च ट्रेंड्स-स्मार्ट 2023 पर 12वीं अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होने जा रही है। सालना यह कॉन्फ्रेंस टीएमयू के सीसीएसआईटी और आईईईई यूपी अनुभाग के साथ तकनीकी सह-प्रायोजन में संयुक्त रूप से ब्लेंडेड मोड में होगी। कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत समेत बांग्लादेश, रूस, यूनाइटेड स्टेट, हाँगकाँग, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, सऊदी अरब, उज़्बेकिस्तान और इराक़ समेत कुल 11 देशों के आईटी विशेषज्ञ अपने-अपने विचार साझा करेंगे। कॉन्फ्रेंस के 15 तकनीकी सत्रों में 10 ट्रैक मंे देश-विदेश के शोधार्थियों की ओर से कुल 105 शोध पत्र पढे जाएंगे। भारत के तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर और कर्नाटक समेत कुल 12 राज्यों के प्रतिभागी अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। कॉन्फ्रेंस में डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग, सूचना सुरक्षा एवं इंजीनियरिंग, उभरती तकनीकी, आईओटी और वायरलेस संचार, ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी, उद्योग 4.0, शिक्षा 4.0, सिस्टम मॉडलिंग और डिज़ाइन कार्यान्वयन उपकरण, सर्किट, सामग्री और प्रसंस्करण, पावर, ऊर्जा और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी जैसे विभिन्न विषयों पर दुनिया भर के आईटी विशेषज्ञ अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। उद्घाटन सत्र के दौरान टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन और अटल बिहारी वाजपेयी-भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (एबीवी-आईआईआईटीएम) ग्वालियर के निदेशक प्रो. एसएन सिंह समेत टीएमयू के ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डाइरेक्टर श्री अक्षत जैन, वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, सीसीएसआईटी के विभागाध्यक्ष डॉ. शंभू भारद्वाज, सीसीएसआईटी के प्रॉक्टर प्रो. आरसी त्रिपाठी, सभी टेक्निकल चेयर्स, टेक्निकल को-चेयर्स, एचओडी, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर्स एवं प्रतिभागियों की गरिमामयी मौजूदगी रहेगी।
22 दिसंबर को आईआईटी रूड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. संजय कुमार घोष बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे, जबकि एसएजीई यूनिवर्सिटी, भोपाल के संस्थापक कुलपति डॉ. वी के जैन, एचबीटीयू, कानपुर के डीन-अनुसंधान एवं विकास प्रो. रघुराज सिंह, मेटा, पिट्सबर्ग, यूनाइटेड स्टेट के एफएआईआर-फंडामेंटल एआई रिसर्च शोधकर्ता डॉ. उन्नत जैन बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शिरकत करेंगे। कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन एनआरएससी-इसरो, हैदराबाद के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे, जबकि मेटा, पिट्सबर्ग, यूनाइटेड स्टेट के एफएआईआर-फंडामेंटल एआई शोधकर्ता डॉ. उन्नत जैन गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शिरकत करेंगे। कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर एवं एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी स्वागत भाषण एवं कॉन्फ्रेंस की थीम प्रस्तुत करेंगे, जबकि कॉन्फ्रेंस चेयर और सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना वोट ऑफ थैंक्स प्रस्तुत करेंगे। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन आईईईई यूपी अनुभाग के एडवाइज़र एवं आईआईटी कानपुर के एमई विभाग के प्रो. जे रामकुमार और आईईईई यूपी अनुभाग के प्राधिकारी एवं बीटीके आईटी, द्वारहाट उत्तराखंड के ईसीई विभाग के डॉ. वरुण केआर काकर, जबकि दूसरे दिन आईईईई यूपी अनुभाग के सेक्शन चेयर और आईआईआईटी इलाहाबाद के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. सतीश कुमार सिंह और आईईईई यूपी अनुभाग के प्राधिकारी एवं बीटीके आईटी, द्वारहाट उत्तराखंड के ईसीई विभाग के डॉ. वरुण केआर काकर ऑब्ज़र्वर्स के रूप में मौजूद रहेंगे। कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग का विमोचन भी किया जाएगा। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।
विदित है कि वर्ष 2012 में प्रारम्भ हुई इस स्मार्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की अब तक की कुल 11 वर्षों की यात्रा में भारत समेत बांग्लादेश, रूस, यूनाइटेड स्टेट, यूके, हाँगकाँग, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, सऊदी अरब, उज़्बेकिस्तान, इराक़, हंगरी, आइसलैंड, मलेशिया, नॉर्वे, ओमान, मिस्र, रोमानिया आदि से कुल 19 देशों के आईटी विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार साझा किए हैं। इस दौरान अब तक कुल 1500 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इस दौरान विश्व के कई जाने-माने आईटी विशेषज्ञों ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की है, जिनमें मुख्य रूप से वोल्गोग्राड राज्य तकनीकी यूनिवर्सिटी, रूस के प्रो. डॉ. डेनिला पैरिगिन, राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास, आईसीएसआई, रामनिकु वाल्सिया, रोमानिया की मिस मारिया सिमोना राबोका, एमिटी यूनिवर्सिटी, ताशकंद आईटी विभाग और इंजीनियरिंग के डॉ. गौरव अग्रवाल मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत कर चुके हैं। यूनिवर्सिटी पुत्रा मलेशिया, सेलांगोर, मलेशिया के प्रो. अबू बकर अब्दुल हामिद और डॉ. मोहम्मद रिद्ज़वान, शारदा यूनिवर्सिटी उज्बेकिस्तान की एसोसिएट डीन डॉ. पूजा, ऐमिटी यूनिवर्सिटी उज्बेकिस्तान की डॉ. नैना चौधरी, डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, ढाका के प्रो. अब्दुस सत्तार, इओतवोस लोरंड विश्वविद्यालय, बुडापेस्ट, हंगरी के डॉ. चमन वर्मा, साउथ वैली यूनिवर्सिटी, मिस्र के सीई विभाग के प्रो. हम्माम अलशाज़ली आदि रहे।
स्मार्ट-2023 कॉन्फ्रेंस के पहले दिन वोल्गोग्राड स्टेट टेक्निकल यूनिवर्सिटी, रूस के डॉ. डेनिला पैरिगिन, डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, बांग्लादेश के सीएसई और इंजीनियरिंग विभाग के श्री मोहम्मद सादेकुर रहमान, जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा के आईईटी, सीईए विभाग के प्रोफेसर एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं शैक्षणिक सहयोग के डीन प्रो. दिलीप के शर्मा, गुरुकुल कांगड़ी, विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ.करमजीत भाटिया, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के डॉ. आशुतोष भट्ट, शिव नादर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, गौतमबुद्धनगर के डॉ. सुमित तिवारी मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन शिरकत करेंगे, जबकि एमजेपीआरयू, बरेली के सीएसई डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. रावेंद्र सिंह, एमजेपीआरयू, बरेली के सीएसआईटी डिपार्टमेंट के डॉ. विनय ऋषिवाल, एनआईएआईडी सीआरएमएस के वरिष्ठ डेटाबेस डवलपर श्री पंकज द्विवेदी, एचकेपीयू, कॉव्लून, हांगकांग की अनुसंधान सहायक मिस दिव्या सक्सेना, माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड प्रोफेसनल और एसक्यूएल सर्वर, पोस्टग्रेस डीबीए, डेवलपर श्री नीरज द्विवेदी, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बांदा के आईटी के हेड डॉ. विभाष यादव, एसएमवीडीयू, कटरा के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, जेएनयूनई दिल्ली के डॉ. करन सिंह, गलगोटियास विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डॉ. प्रशांत जौहरी मुख्य वक्ता के रूप में ऑफलाइन शिरकत करेंगे।
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. संजय कुमार गुप्ता और नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. आनंद के शुक्ला मुख्य वक्ता के रूप में ऑनलाइन शिरकत करेंगे, जबकि यूएसआईसी एंड टी, जीजीएसआईपीयू के डॉ. संजय के मलिक, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली की इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान विभाग की डॉ. वनिता जैन, एफओसीएसजए, एजीआई ,हल्द्वानी के प्रो. एम के शर्मा, एसएमवीडीयू, कटरा के डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, जेएनयूनई दिल्ली के डॉ. करन सिंह, गलगोटियास विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा के डॉ. प्रशांत जौहरी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, नोएडा के टेक्निकल लीड श्री गौरव पन्टोला, बेनेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा के इंजीनियरिंग और टेक स्कूल की डॉ. दीपिका पन्टोला मुख्य वक्ता के रूप में ऑफलाइन शिरकत करेंगे।
कॉन्फ्रेंस जनरल चेयर और एफओई एंड सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. द्विवेदी ने कहा, स्मार्ट-2023 कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, पेशेवरों, इंजीनियरों और विद्वानों को उनके नवीनतम शोध परिणामों का प्रसार करने और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रौद्योगिकी की प्रगति के साथ इन क्षेत्रों में भविष्य के अनुसंधान पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए मंच प्रदान करना है। कॉन्फ्रेंस अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की अकादमिक उपलब्धियों के अध्ययन और आदान-प्रदान पर केंद्रित है, जो शोधकर्ताओं को उनके काम में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में शोध के लिए लाभकारी है। स्मार्ट-2023 कॉन्फ्रेंस के लिए कई प्रासंगिक विषयों पर कुल 491 सबमिशन प्राप्त हुए और प्रत्येक सबमिशन की बाहरी समीक्षकों द्वारा समीक्षा की गई और गुणवत्ता, मौलिकता और प्रासंगिकता पर मूल्यांकन किया गया। परिणामस्वरूप, तकनीकी कार्यक्रम समिति ने कुल 105 शोध पत्रों को कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुति के लिए चुना है।